हजरत मुहम्मद साहब के जन्म दिवस पर कस्बे के विभिन्न मौहल्लों से जुलूस निकाला गया। मंगलवार सुबह फज्र की नमाज से पूर्व ईदगाह सहित सभी मस्जिदों में हजरत मुहम्मद साहब के जन्म के समय दुरूदो सलाम का नजराना पेश किया गया। मस्जिद जन्नतुल फिरदौस में अकीदतमंदों ने नबी के मूं-ए-मुबारक की जियारत की। विभिन्न मदरसों के बच्चों ने कस्बे के प्रमुख मार्गों से होते हुए जुलूस निकाला, जो मदरसा फैजाने हस्नैन पंहूचकर सभा में परिवर्तित हो गया। जिसे सैयद जहूर अली अशरफी ने सम्बोधित किया।
अन्त मे दुरूदो सलाम पेश किया गया। इससे पूर्व सोमवार रात्री को जामिया हाशमिया अहले सुन्नत परिसर में जश्ने रसूले हाशमी का आयोजन किया गया। जिसमें मकराना के अल्लामा शम्सूद्दीन रिज़वी तथा अजमेर के कारी जान मोहम्मद, अकबरी सहित अनेक मुस्लिम विद्वानों ने हजरत मुहम्मद साहब की शिक्षाओं पर प्रकाश डाला। उक्त जानकारी हाजी शम्सूद्दीन स्नेही ने दी।