मुंगफली की बम्पर पैदावर के बाद किसानों को सरकारी खरीद केन्द्र पर अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है। पिछले एक पखवाड़े से किसान कृषि उपज मण्डी स्थित क्रय-विक्रय सहकारी समिति के व्यवस्थापक राजेश खीचड़ से कईं दौर की बातचीत कर चूके हैं। लेकिन अभी तक समाधान नहीं हो रहा है। वार्ता के बाद मुंगफली की तुलाई व खरीद शुरू होती है और फिर रूक जाती है।
इस सिलसिले से किसान परेशान है। कभी भण्डारण को लेकर तो कभी बारदाने को लेकर तो कभी ट्रांसपोर्टेशन को लेकर मुंगफली की खरीद शुरू होनेे के कुछ समय बाद ही रूक जाती है। मुंगफली खरीद में हो रही अव्यवस्थाओं के चलते किसान परेशान है तो दलाल बाहर से मुंगफली लाकर ढ़ेरियां लगाने में सफल हो रहे हैं। क्रय विक्रय सहकारी समिति की ओर से मुंगफली खरीद के लिए कभी टोकन व्यवस्था शुरू की जाती है तो कभी रोक दी जाती है। जिससे किसान असंमजस में है। खरीद केन्द्र पर तुलाई के स्थाई नियम नहीं होने के कारण भी किसानों को परेशान होना पड़ रहा है।
पहले केन्द्र पर पहले आओ पहले टोकन लो और तुलाओं का नियम बनाया हुआ था। लेकिन यह नियम कुछ ही दिनों में फैल हो गया और अब जिसकी लाठी उसकी भैंस की तर्ज पर तुलाई करने का आरोप किसान लगा रहे हैं। किसानों को यह भी आरोप है कि मण्डी परिसर में सक्रिय दलाल मेड़ता, बीकानेर सहित दूसरे स्थानों से मुंगफली खरीद कर स्थानीय किसान की गिरदावरी रिपोर्ट के आधार पर ला रहे हैं, जिन पर किसी प्रकार की कोई रोक नहीं हैं। वहीं कुछ लोग अपनी पहले से लगी ढ़ेरियों में ढ़ेरी लगवा रहे हैं और पहले तुलवाने के दावे कर रहे हैं। इस बीच किसानों के द्वारा खरीद केन्द्र पर पक्षपात का आरोप भी लगाया जा रहा है। मण्डी में मुंगफली की आवक लगातार जारी रहने तथा तुलाई नहीं होने से मण्डी के बाहर मुंगफली लदे वाहनों की कतारें लगी हुई है। मण्डी में मुंगफली का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पूरी मण्डी तथा पास ही स्थित सब्जी मण्डी में मुंगफली की इतनी ढ़ेरियां लगी हुई है कि पांव रखने तक की जगह नहीं है।
समिति द्वारा खरीद की हुई करीब बीस हजार बोरी मुंगफली को ठेकेदार अभी तक नहीं उठवा पाया है। जिससे मुंगफली रखने के लिए मण्डी में जगह नहीं होने के कारण शुक्रवार को मण्डी में मुंगफली से लदे नये वाहनों के प्रवेश पर अस्थाई रोक लगा दी गई। जिसके कारण मण्डी के सामने राष्ट्रीय राजमार्ग पर दोनो ओर मुंगफली से लदे वाहन खड़े अपने प्रवेश का इंतजार कर रहे हैं। मण्डी में 11 तराजू लगाकर मुंगफली तौलने की व्यवस्था की गई थी। लेकिन बारदाने के नहीं होने तथा तुली हुई बोरियों को ठेकेदार द्वारा नहीं उठाने से शुक्रवार को एक भी बोरी मुंगफली की तुलाई नहीं हो सकी। मुंगफली की तुलाई नहीं होने के कारण किसान अपनी मुंगफली की ढ़ेरियों तथा मुंगफ ली लदे वाहनों के पास खड़ा मुंगफली के तुलने का इंतजार कर रहा है। मुंगफली की तुलाई होने के इंतजार में ताश खेलकर किसान अपना समय गुजार रहे हैं।
तुलने के इंतजार की गहमागहमी में दिन बीत जाता है तो रात को चोरों के डर तथा सर्दी के कारण नींद आंखों से गायब है। हर बार मुंगफली की कम पैदावर होने के कारण तेल मिल के व्यापारी किसान के खेत में पंहूचकर मुंगफली की खरीद कर लेते हैं, लेकिन इस बार बम्पर पैदावार होने के कारण तेल मिल मालिकों द्वारा उचित मूल्य पर खरीद नहीं किये जाने के कारण समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए किसानों ने मण्डी का रूख किया है। सूत्र बताते हैं कि मण्डी में बिना तुलाई की करीब एक लाख बोरियों से अधिक मुंगफली पड़ी है। मण्डी में जगह-जगह पर तथा व्यापारियों की दुकानों के आगे मुंगफली की ढ़ेरियां लगने से व्यापारी परेशान है। व्यापारियों का कहना है कि उनकी दुकानों के आगे मुंगफली की ढ़ेरियां लगने से उनका व्यापार प्रभावित हो रहा है तथा उनके पास खरीद बिक्री के लिए आने वाले लोग कैसे अपना सामान और वाहन उनकी दुकान तक लेकर आये। यह समस्या बनी हुई है। जिसके बारे में मण्डी सचिव को अवगत करवाने के बाद भी कोई समाधान होता नजर नहीं आ रहा है।