राजस्थान को खा गई दिल्ली की सरकार – मा. भंवरलाल

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विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार की समीक्षा करने के लिए पूर्व मंत्री मा. भंवरलाल मेघवाल ने अपने आवास शहर ब्लॉक अध्यक्ष प्रदीप तोदी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उपस्थित कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हार से निराश व मायूस होने की आवश्यकता नहीं है। मेघवाल ने कहा कि यह पहली बार है कि सुजानगढ़ शहर में कांग्रेस सदैव पीछे रहती आई है, लेकिन ये पहली बार है कि शहर में कांग्रेस ने पहले से अधिक वोट लेकर भाजपा की बढ़त को कम करते हुए नरेन्द्र मोदी की लहर को नकार दिया है। उन्होने कहा कि हमने जिन पर विश्वास किया उन्होने ही हमारे साथ घात किया है।

अपने गुस्से को काबू में रखते हुुए तथा शब्दों पर पकड़ रखते हुए मेघवाल ने कहा कि पहली बार धोखा खाया है, जिसने धोखा किया है, उसका मैं पूरा इलाज करूंगा। कार्यकर्ताओं से समय की धारा को समझने का आह्वान करते हुए मा. भंवरलाल ने कहा कि उनके द्वारा आपणी योजना, सीवरेज सहित क्षेत्र में शुरू की गई अनेक कल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यों को बंद नहीं होने देंगे। पूर्व मंत्री ने कहा कि बीदासर व देहात में इतना काम करवाया है कि अगर भगवान भी धरती पर उतर आये तो काम नहीं करवा सकता, फिर भी बीदासर व देहात में पिछड़े हैं और हार का सामना करना पड़ा है।

उन्होने कहा कि रामेश्वर भाटी ने पांच साल तक क्षेत्र की जनता के लिए संघर्ष किया, जबकि खेमाराम इन पांच सालों में जनता के लिए कुछ भी नहीं किया, फिर भी वह बिना हथियार तथा फौज के चुनाव जीत गया। केन्द्र सरकार पर गुस्सा उतारते हुए भंवरलाल ने कहा कि दिल्ली की सरकार राजस्थान को खा गई। दिल्ली का गुस्सा राजस्थान पर उतरा है। प्रधानमंत्री का नाम लेने से परहेज करते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि अनुभवहीन राजनीतिज्ञ राज नहीं कर सकता। मेघवाल ने भाजपा पर पैसे देकर सट्टे बाजार को स्थिर रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि दवा कम्पनियों में वसुन्धरा शेयर कर नि:शुल्क दवा योजना को कमजोर करने का प्रयास करेगी। भाजपा सरकार के ऐसे जनविरोधी प्रयासों का विरोध किया जायेगा तथा कांग्रेस की जनहितकारी योजनाओं को बंद नहीं करने दिया जायेगा।

बैठक में राधेश्याम अग्रवाल, नगर अध्यक्ष रामवतार शर्मा, पार्षद बाबूलाल कुलदीप, एड. विनोद सोनी, एड. राहूलदेव शर्मा, असलम मौलानी, हाजी गुलाम सदीक छींपा, नरसाराम फलवाडिय़ा, सत्यनारायण खाखोलिया, जितेन्द्र मिरणका, महावीर बगडिय़ा, मुकुल मिश्रा, मौजीराम जाखड़, युनूस खान, बशीर खां फौजी, मुराद खां ताजनाण, सैजू खां, विद्याप्रकाश बागरेचा, ठेकेदार उस्मान खां, लियाकत खां, पवन रांकावत, शंकर स्वामी, बजरंग सैन, ऋषिराज फलवाडिय़ा, रामेश्वर स्वामी, इदरीश गौरी, सिकन्दर अली खिलजी, इन्द्रचन्द सोनी, भीकमचन्द बोचीवाल, संजय ओझा, लालचन्द शर्मा, दाऊद काजी सहित अनेक कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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