अंचल में गोपाष्टमी पर्व श्रद्धा व आस्था के साथ मनाया गया। रविवार सुबह से ही गौशालाओं एवं गलियों में गौ माता की महिलाओं ने पूजा-अर्चना कर आर्शीवाद लिया। श्री गोपाल गौशाला में सुबह से ही गौभक्तों व महिलाओं ने गौ पूजन करना शुरू किया, जो दिनभर अनवरत चालू रहा। इस अवसर पर गायों को गुड़ व हरा चारा खिलाकर पुण्य लाभ कमाया। दोपहर में गौशाला अध्यक्ष सत्यनारायण चाण्डक की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में शांतिदेवी सारड़ा मुख्य अतिथि व मंजूदेवी झंवर विशिष्ट अतिथि थे। बैठक में संरक्षक विनोद कुमार गोठडिय़ा व पृथ्वीराज बाफना की उपस्थिति में अध्यक्ष सत्यनारायण चाण्डक ने गौशाला के बीड़ के विकास एवं चारागृहों, तालाब के पायतन तथा गौशाला परिसर में सड़क निर्माण करवाने पर चर्चा की शुरू की। इस अवसर पर उपस्थित दानदाताओं ने गौशाला के विकास में अपना सहयोग देने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर मंत्री जुगलकिशोर सोमानी, कैलाश सराफ, पवन शर्मा, सांवरमल अग्रवाल, नन्दलाल सोमानी, ओमप्रकाश प्रजापत सहित अनेक गौ भक्त उपस्थित थे। इसी प्रकार सालासर स्थित श्रीबालाजी गौशाला में सुबह से ही गौ भक्तों का गौ माता की पूजा अर्चना करने तथा गुड़ व हरा चारा खिलाने के लिए तांता लगा रहा। इस अवसर पर उपस्थित गौ भक्तों को सम्बोधित करते हुए गौशाला अध्यक्ष रविशंकर पुजारी ने कहा कि जिस स्थान पर गाय का निवास होता है, वह स्थान तीर्थ भूमि के समान है।
ऐसी भुमि पर जिसकी मृत्यु हो जाती है, वह तत्काल मुक्त हो जाता है। पुजारी ने गाय को सर्वतीर्थमयी सर्वमंगलकारी बताते हुए कहा कि गाय के पैरों में लगी मिट्टी लगाने से तीर्थ जल से स्नान करने का पुण्य मिलता है तथा गौमाता के दर्शन कर उसकी परिक्रमा करने से सम्पूर्ण भूमण्डल की प्रदक्षिणा हो जाती है। श्रीराम कौशिक, नारायणराम ढ़ाका, गजानन्द, बेगाराम ढ़ाका, सुखदेव शर्मा आदि गौ भक्त गायों की सेवा में जुटे हुए हैं। अध्यक्ष रविशंकर पुजारी ने बताया कि जगदीश प्रसाद रतावा के सौजन्य से गौशाला में सेवा देने वाले सभी गौ सेवकों को पोशाक का वितरण किया गया।