लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा राजस्थान विधानसभा के विधायकों के चयन के लिए तय समय आज आ गया है। प्रदेश के मतदाता आज रविवार को अपनी नई सरकार के लिए मतदान करेंगे। पिछले एक महीने के दौरान चुनावी रण क्षेत्र में डटी सभी राजनैतिक पार्टियों एवं प्रत्याशियों द्वारा अपने विपक्षी की कमियों एवं खामियों के बारे में जनता जनार्दन को जमकर बताया गया, जबकि विधायक बनने पर अपने क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं के समाधान एवं आवश्यकताओं की पूर्ति के बारे में चर्चा करने से चुनाव मैदान में डटे उम्मीद्वार कतराते रहे हैं।
अब जबकि चुनाव प्रचार का शोर थमने के साथ ही नई सरकार के गठन के लिए किये जाने वाला मतदान शुरू होने वाला है तो सुजानगढ़ विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं एवं आवश्यकताओं पर चर्चा करना जरूरी है। लम्बे अर्सें से सुजानगढ़ या सुजला जिला बनाने की मांग को लेकर क्षेत्र की जनता द्वारा विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से अनेक तरीकों से आन्दोलन किया जा रहा है। नवनिर्वाचित होने वाले विधायक जी क्या क्षेत्र की जनता को सुजानगढ़/ सुजला जिले का गठन करवाकर यहां की जनता को उसका बहुप्रतिक्षित तोहफा दे पायेंगे। सीवरेज/ड्रैनेज योजना की क्रियान्विति होने पर ही बरसाती एवं गंदे पानी की निकासी से परेशान कस्बे की जनता को निजात मिल पायेगी। अंचल का सबसे बड़ा राजकीय बगडिय़ा चिकित्सालय लगातार बढ़ रहे मरीजों के दबाव को झेलने में असमर्थ होता जा रहा है तथा भविष्य में और बढऩे वाले मरीजों के दबाव को ध्यान में रखते हुए इसे सिटी डिस्पेंसरी बनाने के साथ ही शहर से बाहर जमीन का आंवटन करवाकर अथवा भामाशाह के सहयोग से बड़े अस्पताल के निर्माण की आवश्यकता को महसूस करते हुए बड़े अस्पताल का निर्माण करवाना तथा विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ के नये पदों का सृजन कर उन पर तथा रिक्त पदों पर नियुक्ति करवाना एक बड़ी आवश्यकता है, जिसे चुनौती रूप में स्वीकार कर पूरा करना नये विधायक की प्राथमिकता में होना जरूरी है।
इसके अलावा लगातार बढ़ते शहर की बाहरी आबादी को छोटी-छोटी बिमारियों एवं टीकाकरण सहित अन्य चिकित्सकीय कार्य एवं परामर्श के लिए मुख्य चिकित्सालय आना पड़ता है। मुख्य चिकित्सालय पर से इस दबाव को कम करने तथा भावी सम्भावनाओं को ध्यान में रखते हुए बाहरी बस्तियों में गांवों की तर्ज पर उप स्वास्थ्यकेन्द्रों को खोलना मुनासिब होगा। एक ओर सरकारें जहां बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अपने पूरे प्रयास करती नजर आ रही है तो वहीं अब यह देखना है कि लम्बे से लम्बित बालिका महाविद्यालय की मांग को नये विधायक महोदय अपने इस कार्यकाल में कितना पूरा कर पाते हैं। इसके साथ सालासर, साण्डवा, छापर व बीदासर में सरकारी महाविद्यालय तथा कृषि प्रधान क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए कृषि महाविद्यालय खुलवा कर शिक्षा के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित कर क्षेत्र की आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सकेगी। इसके साथ ही राजकीय/ सुजला महाविद्यालय में सीटेंं बढ़ाने तथा नये विषयों को शुरू कर उच्च शिक्षा के लिए बड़े शहरों की ओर जा रही युवा पीढ़ी को यहां पर शैक्षिक माहौल प्रदान किया जा सकता है और विषय विशेषज्ञ व्यख्याताओं के नये पद सृजित करवाने और रिक्त पदों पर नियुक्ति करवाना उच्च शिक्षा की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
एक मोबाईल/चल मृदा जांच प्रयोगशाला यहां शुरू करनी चाहिये, जो किसान को उसके खेत की मिट्टी की जांच कर उसमें कौनसी फसल बोने से अधिक पैदावर होगी, इसके बारे में जानकारी दे सके तथा समय-समय पर कृषि विशेषज्ञ क्षेत्र के किसानों को नवाचार के बारे में जानकारी देकर यहां के किसान को समृद्ध बनने की दिशा में अग्रसर कर सके । शहर में मास्टर प्लान लागू करने के साथ कस्बे के मध्य से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरने वाले भारी वाहनों के दबाव को कम करने तथा उनकी बाहर से ही उनके गंतव्य तक पंहूचने के लिए नगर के चारों ओर रिंग रोड़ और ठरड़ा बाई पास बनवा कर सुजानगढ़ के वाशिंदों को राहत प्रदान की जा सकती है। छोटे-छोटे कस्बों में राजस्थान रोड़वेज का आगार खुलने के बाद से ही यहां की जनता भी रोड़वेज डिपो के लिए आशा भरी नजरों से देख रही है। रोड़वेज डिपो खुलने से वर्तमान में विभिन्न मागों पर चलने वाली रोड़वेज बसों के बंद होने से उपजी समस्या से निजात मिलेगी साथ ही नये रूटों एवं बड़े शहरों के लिए यहां से बसों का सीधा संचालन हो सकेगा। इसके साथ ही राजस्थान रोड़वेज की ग्रामिण बस सेवा शुरू होने पर देहात के लोगों को राहत मिलेगी। वर्तमान रोड़वेज बस स्टैण्ड पर निजी एवं सरकारी बसों के लगातार बढ़ते दबाव को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे द्वारा उद्धघाटित नये बस स्टैण्ड पर स्थानान्तरण का भी इंतजार हो रहा है।
कस्बे के विभिन्न मौहल्लों एवं मुख्य बाजारों में आने-जाने के लिए सर्वसुलभ साधन ऑटो/टैम्पों का तर्कसंगत किराया निर्धारण कर भावी विधायक द्वारा जनता को राहत पंहूचाई जा सकती है। खेल स्टेडियम एवं सुविधाओं के अभाव में अपना मन मसोस कर रहने वाली क्षेत्र की खेल प्रतिभाओं को खेल स्टेडियम एवं सुविधायें उपलब्ध करवाकर एक मंच उपलब्ध करवाया जा सकता है। इसी प्रकार रंगमंच/ कला केन्द्र की स्थापना कर क्षेत्र की सांस्कृतिक प्रतिभाओं को संवारा जा सकता है। रोजगार सम्बन्धी जानकारी उपलब्ध करवाने एवं उनका पंजीकरण करने के लिए रोजगार कार्यालय खोलने से क्षेत्र के बेरोजगारों को जिला मुख्यालय जाने पर होने वाले समय एवं धन की बचत हो सकेगी। सैनिक अस्पताल खुलवाकर एवं कैंटिन शुरू करवाकर अंचल के सैनिकों व पूर्व सैनिकों तथा उनके परिजनों को राहत प्रदान की जा सकती है। लम्बे समय से सुजानगढ़ पुलिस थाने को शहर से बाहर स्थानान्तरित करने के प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन उनमें सफलता अभी तक नहीं मिली है, अब देखना है कि अपनी जान को जोखिम में डालकर पुराने खण्डहरनुमा गढ़ रह कर क्षेत्र की सुरक्षा कर रहे पुलिस कर्मियों को थाने के नये भवन की सौगात नये विधायक जी कब देते हैं।
क्षेत्र में रोजगार के नये अवसरों का सृजन करने के लिए औद्योगिक क्षेत्र का विस्तार करने एवं उद्योगों के लिए वातावरण तैयार कर नये उद्योग लगाने के लिए उद्यमियों को नये विधायक जी कितना आकर्षित एवं प्रेरित कर पाते हैं, यह भी देखना होगा। ताल छापर कृष्ण मृग अभ्यारण्य एवं स्यानण डूंगरी, सालासर बालाजी धाम सहित क्षेत्र में स्थित धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व के दर्शनीय क्षेत्रों के विकास एवं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नये विधायक जी ऐसा क्या करते हैं कि देश-प्रदेश सहित विदेशी पर्यटक भी थळी की इस विरासत को देखने के लिए आर्कषित हों। बड़े शहरों एवं कस्बों की तर्ज पर सुजानगढ़ का सौंदर्यकरण करने तथा इस अतिक्रमण से मुक्त करने के साथ अवैद्य हथियारों के कारोबार को रोकने के साथ ही लगातार बढ़ते अपराधों एवं शराब व भु-माफिया के बढ़ते प्रभाव को रोकना नये विधायक जी की सबसे अहम चुनौती होगी। नवनिर्वाचित होने वाले विधायक जी को अग्रिम बधाई देते हुए क्षेत्र के विकास के लिए वे सतत प्रयत्नशील रहेंगे, इसी आशा और विश्वास के साथ क्षेत्र का मतदाता आज रविवार को अपने नये विधायक के लिए मतदान करेगा।
(राजकुमार चोटिया)