स्थानीय दुलियां बास स्थित सिद्ध श्री संकट मोचन हनुमान मन्दिर के 35 वें स्थापना दिवस एवं नवरात्रा महोत्सव के उपलक्ष में आयोजित रामकथा के चौथे दिन व्यास पीठ पर विराजमान होकर कथा का अमृतपान करवाते हुए कथा वाचक मुरलीधर महाराज ने संतो की महिमा का बखान करते हुए कहा कि अधर्म बढऩे पर भगवान शरीर धारण कर मृत्युलोक में अवतरित होते हैं। महाराज ने कहा कि जिस प्रकार अलग-अलग पात्र या बरतन में रहने वाला पानी एक ही है, वैसे अलग-अलग धर्मावलम्बियों के लिए अल्लाह, ईश्वर, भगवान, गॉड सब एक ही है।
राम कथा के प्रसंगों का श्रवण करवाते हुए महाराज ने कहा कि भगवान के यश को गाकर भक्तजन इस संसार सागर को पार कर जाते हैं। महाराज ने राम के नाम को राम से बड़ा बताते हुए कहा कि जिस प्रकार राम नाम लिखने मात्र पत्थर पानी पर तैर जाते हैं, उसी प्रकार राम नाम का स्मरण करने मात्र से पापी से पापी व्यक्ति भी भवसागर तर जाता है। कथा से पूर्व यजमान गुरूचरण प्रेमप्रकाश तुनवाल परिवार, काशीप्रसाद खेतान परिवार ने राम कथा की पूजा अर्चना की।
आयोजन समिति के अध्यक्ष घनश्याम तुनवाल, कोषाध्यक्ष हरिप्रसाद चोटिया, मंत्री शंकरलाल सामरिया, घीसूलाल बागड़ा, सत्यनारायण अरोड़ा, दानमल भोजक, महावीर टाक, गोपाल सिंगोदिया, लक्ष्मीनारायण सामरिया, ओमप्रकाश बगडिय़ा, विजयकुमार खेतान, धर्मेन्द्र खेतान, देवकीनन्दन बागड़ा ने माल्यार्पण कर स्वागत किया। भगवतीप्रसाद सुरोलिया, शंकरलाल सामरिया ने आभार व्यक्त किया।