अनचाहे गर्भ की प्रदत छुट एवं सरकारी नौकरी के लिए दो संतान की कानूनी बाध्यता के रहते कन्या भु्रण हत्या रोकने की लोक लुभावनी बातें करना बेमानी है, उक्त उद्गार गर्भस्थ शिशु संरक्षण समिति के प्रदेश अध्यक्ष रामकिशोर तिवाड़ी ने स्थानीय शाखा की बैठक के दौरान व्यक्त किये। चूरू में प्रस्तावित प्रान्तीय सम्मेलन की तैयारी का जायजा लेने आये तिवाड़ी ने बताया कि एक ओर विवाह की उम्र 18 व 21 से कम नहीं करना तथा दूसरी तरफ 16 वर्ष की उम्र में शारीरिक सम्बन्ध बनाने की छूट देना और इसके साथ अनचाहे गर्भ समापन की प्रदत छूट जैसे कानून सनातन धर्म व संस्कृति के विरूद्ध है।
उन्होने कहा कि यह सीधे-सीधे अनैतिकता को और भ्रुण हत्या को बढ़ावा देने वाला कानून है। शाखा अध्यक्ष करणीदान मंत्री ने कहा कि सरकार की मिलीभगत व लापरवाही के कारण मेडीकल स्टोरों पर गर्भपात करने की गोलियां गैर कानूनी रूप से मिल रही है। जिनसे प्रति वर्ष लाखों को शिशुओं को गर्भ में ही हत्या होते देखना साजिश प्रतीत होती है। उपाध्यक्ष मांगीलाल पुरोहित ने समाज में बढती व्यभिचार की घटनाओं पर चिन्ता व्यक्त करते हुए गर्भपात छूट को भावी पीढ़ी को पतन की ओर धकेलने वाला बताया। दाऊलाल त्रिवेदी, चन्द्रप्रभा सोनी ने तैयारी का विवरण प्रस्तुत किया।