
गुरूवार को लोढ़सर के पास हुई दुर्घटना के घायलों के इलाज में हुई कथित लापरवाही को लेकर छात्र संघ अध्यक्ष हितेष जाखड़ के नेतृत्व में आक्रोशित लोगों ने शुक्रवार को कस्बे के बाजार बंद करवाये। गुरूवार देर शाम से शुरू हुए इस आन्दोलन का पटाक्षेप मृतक राजू के पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को शव सुर्पुद करने पर हुआ। आन्दोलन के कारण अस्पताल में भर्ती मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं दूसरी ओर अस्पताल में तोड़ फोड़ करने तथा प्रदर्शनकारियों के दुव्र्यवहार से नाराज नर्सिंगकर्मी दो घंटे की हड़ताल पर चले गये। शुक्रवार सुबह छात्रसंघ अध्यक्ष हितेष जाखड़ के नेतृत्व में लोगों की भीड़ ने स्टेशन रोड़ पर नरोबाजी करते हुए कस्बे के बाजार बंद करवाये।
गांधी चौक, लाडनूं बस स्टैण्ड सहित मुख्य बाजारों की दुकानों को बंद करवाने के बाद आन्दोलनकारियों का काफिला अस्पताल पंहूचा। जहां पर उपखण्ड अधिकारी सहित किसी भी अधिकारी के नहीं पंहूचने पर लोगों का आक्रोश बढऩे लगा तथा आन्दोलनकारी अस्पताल प्रशासन, पीएमओ, एसडीएम, सीएमएचओ मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए मुर्दाघर के सामने धरने पर बैठ गये और उपखण्ड अधिकारी के नहीं पंहूचने पर उग्र प्रदर्शन की चेतावनी। वहीं दूसरी ओर उपखण्ड अधिकारी फतेह मोहम्मद खान ने सीआई प्रहलाद राय व छापर थानाधिकारी विष्णुदत विश्नोई के साथ मृतक के परिजनों से वार्ता की। जिस पर परिजनों की ओर से पूर्व विधायक रामेश्वर भाटी तथा पूर्व पार्षद तनसुख प्रजापत ने इलाज में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने, मृतक के परिजनों को मुआवजा देने, अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार करने की मांग की।
जिन्हे मानते हुए एसडीएम खान ने अपने उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया। जिसके बाद परिजनों ने मृतक का पोस्टमार्टम करवाने की अपनी सहमति प्रदान कर दी। परिजनों से मुलाकात करने के बाद उपखण्ड अधिकारी अस्पताल पंहूचे। जहां पर पूर्व विधायक रामेश्वर भाटी, गणेश मण्डावरिया एवं तनसुख प्रजापत ने प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन वे अपनी मांगों पर अडिग रहते हुए दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की अपनी मांग दोहराते रहे। उसके बाद शव का पोस्टमार्टम शुरू किया गया। लेकिन शव को ले जाने के लिए एम्बूलैंस के स्थान पर पुलिस की गाड़ी लगाने पर छात्र संघ अध्यक्ष हितेष जाखड़, बाबूलाल तेतरवाल, सौरभ पीपलवा, रिछपाल बिजारणियां आदि ने शव को एम्बूलैंस से भेजने की मांग करते हुए व्यंग्य किया कि एम्बूलैंस का काम पुलिस की गाड़ी कर रही है तो घटना-दुर्घटना होने पर इलाज भी पुलिस वाले ही करेंगे तथा अब एम्बूलैंस के लिए 108 के स्थान पर 100 नम्बर डायल करें।
अपनी इज्जत को तार-तार होते देखकर प्रशासन ने पुलिस की गाड़ी को हटाकर एम्बूलैंस मंगवाई तथा उसमें शव को भेजने की व्यवस्था की। प्रदर्शनकारियों ने चिकित्सकों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए पोस्टमार्टम फीस के लिए चंदा करना शुरू कर दिया तथा चंदे में आये रूपयों को मुर्दाघर के आगे रख दिया। उपखण्ड अधिकारी के कार्यवाही का आश्वासन देने के बाद मामला शांत हुआ।
11 में से 6 चिकित्सक अवकाश पर
गुरूवार को क्षेत्र के सबसे बड़े राजकीय बगडिय़ा चिकित्सालय में 11 में से 6 चिकित्सक छुट्टी पर थे। छुट्टी पर गये चिकित्सकों की ओर से कोई प्रार्थनापत्र लिखित में पीएमओ के पास नहीं था। डा. शेरसिंह जहां सेवानिवृति के नजदीक होने के कारण लम्बी छुट्टी पर है, वहीं अन्य पांच चिकित्सक डॉ. रेखा गुप्ता, जे.के. शकरवाल, दिलीप सोनी, मधु जैन, डी.आर. जाटोलिया बिना लिखित प्रार्थना पत्र के गुरुवार को छूट्टी पर थे।