
श्रावण मास में लगातार एक महीने तक निराहार व मौन व्रत रखकर तपस्या करने वाले कस्बे युवा तपस्वी नोरतन सामरिया का सैन समाज द्वारा तपाभिनन्दन किया गया। कस्बे के दुलियां बास निवासी गिरधारीलाल सामरिया के सुपुत्र नोरतन सामरिया द्वारा एक महीने तक की गई कठोर तपस्या के बाद सैन मन्दिर में समाज द्वारा शॉल ओढ़ाकर व श्रीफल भेंटकर तथा माल्यार्पण कर अभिनन्दन किया गया।
तपाभिनन्दन के बाद तपस्वी सामरिया को गाजे-बाजे के साथ कस्बे के प्रमुख मार्गों से होते हुए उनके आवास तक पंहूचाया गया। इससे पूर्व सैन मन्दिर में आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ संजय गहलोत द्वारा भोले नाथ की सवारी चली आ रही है भजन की प्रस्तुति से हुआ। सैन समाज के मंत्री आनन्दीलाल गोठडिय़ा, बजरंग सैन, कन्हैयालाल जाखड़, किशनलाल जाखड़ ने तप की अनुमोदना की। इस अवसर पर जीवणमल मोयल, पवन छाबड़ा, तनसुख लोढ़ा, धनराज जाट, कमल छाबड़ा, महेन्द्र वर्मा, रामचन्द्र सामरिया, कीर्ति रेणीवाल, गौरीशंकर टाक, गोपाल जाखड़, नरेन्द्र मोयल, गोपाल सामरिया, शिवप्रसाद जाखड़, चर्तुभुज टोकसिया, कालीचरण जाखड़, छोटू मोयल, गोविन्द गहलोत ने माल्यार्पण कर स्वागत किया।
संचालन करते हुए रतन भारतीय ने तप की महिमा के बारे में बताया। भारतीय ने युवाओं से तप आराधना के द्वारा समाज में व्याप्त विभिन्न प्रकार के नशा करने की कुप्रवृतियों से बचने का आह्वान किया। अंत में कन्हैयालाल जाखड़ ने आभार व्यक्त किया।