
न्यायालय के आदेश पर पुलिस इमदाद के साथ पुरानी तहसील के पास स्थित एक दुकान को नाजिर प्रेम चौहान ने खाली करवाकर कब्जा दुकान मालिक को सौंप दिया। दुकान मालिक सुमेरमल पुत्र पूनमचन्द कठोतिया निवासी सुजानगढ़ के अधिवक्ता एड. बसन्त कुमार चोटिया ने बताया कि उसके मुवक्किल किराया राशि के वसूली एवं दुकान को खाली करवाने के लिए सिविल न्यायालय में 1995 में दावा किया था। वर्ष 2001 की 6 अगस्त को न्यायालय ने दुकान खाली करवाकर मुस्तगिस के कारकून गोविन्दसिंह राजपूत को दो माह के भीतर सौंपने के आदेश दिये थे।
जिसकी प्रतिवादी उस्मान गनी पुत्र मो. हनीफ छींपा निवासी सुजानगढ़ ने एडीजे न्यायालय में अपील की। अपील की सुनवाई करते हुए एडीजे न्यायाधीश ने 26 सिसम्बर 2012 को सिविल न्यायाधीश के डिक्री के निर्णय की पुष्टी करते हुए अपीलार्थी उस्मान गनी की अपील को खारिज कर दिया। उक्त डिक्री व निर्णय की अनुपालना में एसीजेएम राजेन्द्र कुमार सैनी ने कब्जा दिलाने के आदेश मय पुलिस इमदाद के पालना करने के दिये। न्यायालय के आदेश की पालना में नाजिर प्रेम चौहान ने मय पुलिस जाब्ते के दुकान खाली करवाकर उसका कब्जा दुकान मालिक सुमेरमल कठोतिया को सौंप दिया।