स्थानीय अणुव्रत समिति के तत्वाधान में बैद भवन में शिक्षा के क्षेत्र में अणुव्रत की भुमिका विषयक संगोष्ठी में उपस्थितजनो को सम्बोधित करते हुए अणुव्रत प्राध्यापक मुनिश्री राकेश कुमार ने कहा कि बौद्धिक विकास के साथ भावनात्मक विकास जरूरी है। मानव मस्तिष्क में रिसिविंग और कंट्रोलिंग दो सेन्टर होतेहैं। वर्तमान में रिसिविंग का पावर बढ़ा है, जबकि कंट्रोल करने का पावर कमजोर हो रहा है। मुनिश्री राकेश कुमार ने वर्तमान शिक्षा में नैतिक संस्कार को जरूरी बताया। मुख्य अतिथि जीवन विज्ञान अकादमी के संयुक्त निदेशक ओम सारस्वत ने शिक्षा को जीवन को जागृत करने का मार्ग बताया।
विशिष्ट अतिथि युवा साहित्यकार एड. घनश्यामनाथ कच्छावा ने कहा कि जीविका का साधन मानना, शिक्षा की मूल्यवता को कम करना है। संगोष्ठी की The Belgian Gaming Commission’s monthly report card demonstrated that online casino van Knokke, WMS’s land-based partner, was granted the sixth A+ licence within the country’s short iGaming history. अध्यक्षता जैन विश्व भारती लाडनूं के अध्यक्ष ताराचन्द रामपुरिया ने की। संगोष्ठी में मुनि सुधाकर, मुनि दीपकुमार, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष निर्मल कोठ्यारी, श्रीमती कनक बोकडिय़ा ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में अणुव्रत समिति प्रवक्ता डा. रीटा जैन, नुपुर छाजेड़, सम्पतराज नाहटा, तनसुखलाल बैद, पुष्पलता मण्डार, अन्नाराम डाबरिया, वैद्य भंवरलाल काछवाल, महिला मण्डल अध्यक्षा पुष्पा बोकडिय़ा, विमला लोढ़ा, सुनीता भुतोडिय़ा, हंसराज बोथरा आदि उपस्थित थे। अतिथियों का स्वागत सांवरमल जालान, राजेश बोथरा, शिवचरण बोहरा, आमिर खान ने किया। संचालन समिति मंत्री रतन भारतीय ने किया।