स्थानीय प्रशासन ने आवासन मण्डल एवं गोचर की करीब तीस बीघा जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाया है। प्रशासन द्वारा बुधवार सुबह करीब आठ बजे शुरू किये गये अतिक्रमण हटाओ अभियान से अतिक्रमियों और भुमाफियाओं में हड़कम्प मच गया। तुरत-फुरत में गोचर व आवासन मण्डल की जमीन पर कब्जे कर उसे भोले-भाले लोगों को बेचने वाले मौके पर पंहूचने लगे तथा जिस किसी अतिक्रमण को हटाने के लिए जेसीबी उस अतिक्रमण के पास पंहूची, उसी पर वे कोर्ट के स्टे और न्यायालय में अपील की हुई होने की दुहाई देते नजर आ रहे थे।
अतिक्रमण हटाते समय उपखण्ड अधिकारी फतेह मोहम्मद खान, तहसीलदार मूलचन्द लुणियां, नायब तहसीलदार सुभाषचन्द्र, पुलिस उप अधीक्षक नितेश आर्य, नगरपरिषद के आयुक्त डा. भगवानसिंह के अलावा सुजानगढ़, छापर, साण्डवा और सालासर थानों से पुलिस का जाप्ता तथा नगरपरिषद का दस्ता मौके पर मौजूद था। दो जेसीबी द्वारा कच्चे, अद्र्ध पक्के तथा पक्के अतिक्रमण प्रशासन द्वारा हटाये गये तथा परिषद के ट्रैक्टरों में पत्थर आदि सामान डालकर मौके से ले गये। अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के दौरान प्रशासन को हल्के विरोध का सामना करना पड़ा वहीं दो गुट मौके पर आपस में लड़ पड़े, जिन्हे पुलिस ने बीच-बचाव कर अलग-अलग किया।
मौके पर मौजूद लोगों ने प्रशासन हाय-हाय, रिश्वतखोर प्रशासन के नारे लगाये। नगरपालिका के पूर्व उपाध्यक्ष मुस्तफा, पूर्व पार्षद सिराज खां तथा छात्र संघ अध्यक्ष हितेष जाखड़ ने कहा कि नया बास स्टेडियम, जेसराज पीपलवा आदर्श विद्या मन्दिर सहित अनेक बड़े-बड़े मकानों को प्रशासन ने छुआ तक नहीं और गरीब तबके के लोगों के मकान तोड़ दिये। सिराज खां ने बताया कि इस जमीन में से 10 बीघा 10 बिस्वा पर आरडबलए में मुकदमा चल रहा है तथा आरडबलए द्वारा स्टे दिया हुआ है। स्टे के कागजात दिखाने के बाद भी तहसीलदार ने अपनी हठधर्मिता से काफी पुराने निर्माण कार्यों को तुड़वा कर उपखण्ड अधिकारी की उपस्थिति में न्यायालय के आदेशों की खुले आम अवहेलना की है। सिराज खां के अनुसार तहसीलदार ने कहा कि ऊपर से आदेश है, इसलिये अतिक्रमण तोडऩा जरूरी है।
सिराज खां ने कहा कि पाई-पाई जोड़कर जमीन खरीदकर उस पर मकान बनाकर रहने वाले गरीबों के आशियाने बिना किसी की कुछ सुने ही तोड़कर लाखों रूपयों का नुकसान कर दिया। तहसीलदार मूलचन्द लुणियां ने बताया कि मौके से 15 बीघा आवासन मण्डल तथा 7 बीघा गोचर भुमि से अतिक्रमण हटाया गया है। जिसमें 6 चार दिवारी, 2 पक्के मकान, 2 अद्र्ध कच्चे निर्माण को तोड़ा गया तथा करीब ढ़ाई बीघा तारबन्दी और पट्टियां हटाई गई, वहीं 20 बीघा में से खाई, डोला और बाड़ हटाये गये।