स्थानीय प्रेरणा संस्थान के तत्वाधान में गर्भस्थ शिशु संरक्षण समिति द्वारा भ्रुण हत्या एक अभिशाप संगोष्ठी का आयोजन किया गया। गांधी बस्ती में आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए समिति अध्यक्ष करणीदान मंत्री ने उपस्थित जनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भ्रुण हत्या न केवल कानून अपराध है बल्कि एक सामाजिक अभिशाप भी है।
उन्होने कहा कि आज लिंग भेद की परेशानी भारत का प्रत्येक समाज भुगत रहा है। संस्थान मंत्री यशोदा माटोलिया ने कहा कि गर्भस्थ शिशु संरक्षण में नारी की अहम भुमिका है। भ्रुण हत्या रोकने के लिए नारी की जागृति के साथ -साथ कानून की सख्ती से पालना करने को माटोलिया ने जरूरी बताया। माटोलिया ने कहा कि देश के चिकित्सकों सहित सभी स्वास्थ्यकर्मियों पर इस अपराध को रोकने की जिम्मेदारी है, क्योंकि इनकी भागीदारी के बिना गर्भपात सम्भव नहीं है।
इस दुष्कार्य को रोकने वालों को प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए माटोलिया ने बालिका शिक्षा पर जोर दिया। संगोष्ठी में धन्नीदेवी, किरण, कमला, सुशीला सहारण ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में सम्पू, सुनीता, राधा सैन, टीना चारण, सीमरन, सुमन शर्मा, शान्ति, छोटू, योगिता, सुमित्रा, जीवनी, धापुड़ी, सोनू, सरोज, पूजा, रामप्यारी, गीता, पतासी, कृष्णा, प्रभा सहित अनेक महिलायें उपस्थित थी। संचालन जयप्रकाश शर्मा ने किया।