
निकटवर्ती ग्राम पंचायत गोपालपुरा द्वारा फर्जी पट्टा जारी करने के मामले में भ्रष्टाचार निवारण मामलात के सेशन न्यायाधीश की अदालत ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो चूरू को प्रकरण की जांच करने के आदेश दिये हैं। परिवादी गोविन्द राठी की ओर से एड. सुनील भाटी द्वारा पेश किये गये इस्तगासे के अनुसार परिवादी की दादी स्व. रूकमणदेवी धर्मपत्नी स्व. रामेश्वरलाल राठी ने अपने जीवनकाल में 5 मई 2009 को ग्राम पंचायत गोपालपुरा में अपने स्वामित्व के रिहायशी मकान के पट्टे के लिए आवेदन किया था।
परन्तु पट्टा बनने की कार्यवाही लम्बित रहने के दौरान ही रूकमणीदेवी का 25 जनवरी 2011 को देहांत हो गया। जिसके पश्चात परिवादी की चाचियों राजूदेवी धर्मपत्नी स्व. जगदीशप्रसाद राठी, गोपालपुरा की पूर्व सरपंच सविता राठी धर्मपत्नी डा. प्रकाश राठी ने वर्तमान सरपंच अमराराम पुत्र छोटूराम मेघवाल एवं ग्रामसेवक के साथ आपराधिक षडय़न्त्र रचकर पट्टा बनाने की रूकमणीदेवी की पत्रावली में हेर-फेर कर पुरानी दिनांक में फर्जी ऑर्डरशीट निष्पादित कर शामिल की तथा रूकमणीदेवी के नाम के स्थान पर पत्रावली में राजूदेवी का नाम अंकित कर दिया। इस प्रकार कूट रचना कर फर्जी कागजात बनाकर दिनांक 20 अगस्त 2011 को रूकमणीदेवी की पत्रावली पर अवैद्यानिक रूप से राजूदेवी राठी के नाम से पट्टा जारी कर दिया गया।
पट्टे पर राजूदेवी का कब्जा 50 वर्ष पुराना दर्शाया गया है, जबकि परिवादी का आरोप है कि राजूदेवी उम्र 50 वर्ष है नहीं और न ही वह पचास वर्ष से इस परिवार की सदस्या रही है। इस्तगासे में आरोप लगाया गया है कि पूर्व सरपंच सविता राठी द्वारा सुजानगढ़ में मनोहरीदेवी राठी हॉस्पीटल संचालित किया जा रहा है। जिसके दैनिक कच्चे के हिसाब के फेंके गये कागजों में प्रार्थी को मिली एक पर्ची के अनुसार उक्त पट्टा जारी करने के लिए सरपंच अमराराम व ग्रामसेवक को 25 हजार रूपये रिश्वत के दिये जाने का स्वहस्ताक्षरित अंकन है।
सेशन न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण मामलात की अदालत ने सरपंच अमराराम मेघवाल, ग्रामसेवक, पूर्व सरपंच सविता राठी एवं लाभार्थी राजूदेवी राठी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच करने के आदेश भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो चूरू के अपर पुलिस अधीक्षक को दिये हैं।