जैन समाज को अल्पसंख्यक दर्जा दिलाने की मांग को लेकर कस्बे के श्री दिगम्बर जैन महिला मण्डल एवं अहिंसा परिषद द्वारा अलग-अलग पत्र मुख्यमंत्री के नाम प्रेषित किये गये हैं। श्री दिगम्बर जैन महिला मण्डल की पूर्व मंत्री एवं महिला कांग्रेस की प्रदेश सचिव उषा बगड़ा ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उल्लेख किया है कि उनके पिछले शासन काल में जैन समाज को अल्पसंख्यक घोषित किया गया था तथा 19 सितम्बर 2003 को समाज कल्याण विभाग द्वारा अधिसूचना भी जारी कर दी गई थी।
लेकिन विधानसभा में विधेयक पारित नहीं होने के कारण जैन समाज को अल्पसंख्यक का दर्जा नहीं मिल पाया। बगड़ा ने पत्र में लिखा है कि श्वेताम्बर व दिगम्बर जैन समाज एक ही है और इनकी एकता पर किसी को कोई संशय नहीं रखना चाहिये। दोनो ही जैन धर्म के अनुयायी हैं। बगड़ा के अनुसार श्वेताम्बर एवं दिगम्बर जैन संस्थाओं द्वारा समाज को अल्पसंख्यक दर्जा दिये जाने की मांग को लेकर अनेक बार पत्र व्यवहार किया जा चुका है। बगड़ा ने लिखा है कि मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उत्तराखण्ड, पंजाब, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, आन्ध्रप्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश व आसाम में जैन समाज को अल्पसंख्यक घोषित किया जा चुका है।
बगड़ा ने मुख्यमंत्री से विधानसभा में विधेयक पारित करवाकर जैन समाज को अल्पसंख्यक दर्जा दिये जाने की मांग की है। इसी प्रकार अहिंसा परिषद के अध्यक्ष नीलम गंगवाल ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र प्रेषित कर जैन समाज को अल्प संख्यक दर्जा दिये जाने की मांग की है।