खुले में शौच जाने की प्रथा को जड़ से खत्म करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के जनप्रतिनिधि मिशन के रूप में लेकर सामाजिक कुरीति को समाप्त करने में सहयोग करे। यह उद्गार जिला कलक्टर रोहित गुप्ता ने पंचायत समिति परिसर में आयोजित स्वच्छता अभियान की एक दिवसीय कार्यशाला में उपस्थित सरपंच व ग्राम सेवकों, पटवारियों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होने कहा कि खुले में शौच करने से अनेक प्रकार की बिमारियां जन्म लेती है।
जिले में स्वच्छता अभियान को एक आंदोलन के रूप में लेकर जिले को स्वच्छ बनाने का अभियान युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के चुनिन्दा जनप्रतिनिधि गांव के लोगो को प्रेरित करने से ही खुले में कर रहे शौच की प्रथा बंद हो सकती है। उन्होने हिमाचल प्रदेश व महाराष्ट्र का उदाहरण पेश करते हुए जनप्रतिनिधियों को समझाया कि सामाजिक कुरीति का अंत करने के लिए सरकारी मशीनरी की आवश्यकता नही हो सकती , लोगो के दिल ओर दिमाग में बैठाने से ही इस प्रथा का अंत हो सकता है। कार्यशाला में विधायक मा.भंवरलाल मेघवाल ने सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के तहत ध्यान आकर्षित करवाते हुए कहा कि सरकार ने शौचालय बनाने के लिए सरलता व सुगमता से सरलीकरण कर ग्रामीण क्षेत्र में बैठा आम आदमी शौचालय बना सकता है। इसके लिए किसी प्रकार की शर्ते नही रखी गई है।
पूर्व प्रधान पुसाराम गोदारा ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को ग्रामीण क्षेत्र के लोगो को अधिकाधिक प्रेरित कर अधिकाधिक शौचालय बनाये व खुले में जा रहे शौच को बंद करवाये। इस अवसर पर उपखण्ड अधिकारी फतेह मोहम्मद खान, तहसीलदार मूलचंद लूणिया, रामसुख गुर्जर, नायब तहसीलदार सुभाष चौधरी, विकास अधिकारी विक्रमसिह, राजुराम शर्मा, केशराराम गोदारा, राधेश्याम अग्रवाल, हंसराज मीणा, जीवनराम नेहरा, गजेन्द्रसिह, घनश्याम भाटी, सोहनराम लोमरोड़, रामसुख गोदारा, चरला सरपंच मालाराम सेरडिय़ा, रामनिवास घोटिया सहित अनेक जनप्रतिनिधि व कर्मचारी उपस्थित थे।