स्थानीय लाडनूं बाई पास रोड़ पर चांद बास फाटक के सामने स्थित नोहरे के कब्जे को लेकर शनिवार देर शाम को दो पक्षों में विवाद हो गया। विवाद होने की सूचना मिलने पर मौके पर पंहूचे पुलिस उप अधीक्षक नितेश आर्य, सीआई हनुमानसिंह, छापर थाना प्रभारी सत्येन्द्र कुमार, एएसआई रणजीतसिंह ने शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए पुलिस जाप्ता तैनात किया। नोहरे पर स्वामित्व के विवाद के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग पर शनिवार देर रात तक सैंकड़ों लोगों की भीड़ खड़ी रही।
प्रकरणानुसार चांद बास फाटक के सामने स्थित नोहरे को साबरा खातुन पत्नि मो. इसाक तगाला निवासी सुजानगढ़ हाल कोलकाता जहां अपना बता रही है तथा नोहरे की रजिस्ट्री के कागजात होने का दावा करते हुए उन्हे दिखा रही है, वहीं दूसरी ओर जैसाराम पुत्र जगनाराम सिंगोदिया निवासी सुजानगढ़ नोहरे पर विगत 30-35 वर्षों से अपना स्वामित्व में होने का दावा कर रहा है। साबरा खातुन ने बताया कि नोहरे की 1985 में खरीदशुदा रजिस्ट्री है तथा पिछले दिनों नोहरे के चार दिवारी बनाने के समय जैसाराम सिंगोदिया की दुकान से किराये पर त्याव, बल्ली आदि लिये थे। चार दिवारी का काम पूरा होने एवं हिसाब करने के बाद नोहरा खाली करने को कहा तो पहले सात दिन व बाद में 15 दिन में खाली करने का समय लेने के बाद नोहरे को खाली करने से इंकार करते हुए जैसाराम नोहरे पर अपना कब्जा जताने लगा। वहीं जैसाराम सिंगोदिया ने बताया कि इस नोहरे में ईंट, बल्ली, त्याव, फाटका, बिल्डिंग मैटेरियल का सामान आदि को विक्रय करने के लिए वह विगत 30-35 वर्षों से गोदाम के रूप में काम में ले रहा है।
साबरा खातुन ने बताया कि इस नोहरे को उसने ईस्माइल पुत्र मौला बख्श तेली से 19 हजार रूपये देकर 1985 में खरीदा था। नोहरे की रजिस्ट्री के कागजों पर बतौर गवाह रामदेव पुत्र मोहनलाल जैन व लाल मोहम्मद उर्फ अब्दुल मजीद पुत्र फकरूद्दीन बडभंूजा ने उस समय हस्ताक्षर किये थे तथा तत्कालीन उपपंजीयक कालूराम बुनकर द्वारा इसे पंजीकृत किया गया था। पुलिस उप अधीक्षक नितेश आर्य का कहना है कि नोहरे के स्वामित्व को लेकर दो पक्षों में विवाद है, जिसे देखते हुए मौके पर शांति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस जाप्ता व आरएसी तैनात की गई है।