अहिंसा संस्कार पदयात्रा के प्रणेता अन्र्तमना मुनि प्रसन्न सागर एवं मुनि प्रणीत सागर के दो दिवसीय प्रवास में अनेक धार्मिक कार्य सम्पन्न हुए। अहिंसा परिषद के तपन बिनायक्या ने बताया कि बुधवार सुबह मुनि श्री के सानिध्य में भगवान शांतिनाथ का कलशाभिषेक, महाशांतिधारा एवं जिन पूजन किया गया।
तत्पश्चात आसाम प्रवासी महावीर सौगानी, जम्बू सौगानी एवं मंजूदेवी ने मुनिराज की गुरूभक्ति की। मदनलाल छाबड़ा द्वारा आयोजित विश्व शांति महायज्ञ के ध्वजारोहण के पश्चात महिलाओं की कलश यात्रा जैन मन्दिर से प्रारम्भ होकर नशियां जी पंहूची। नशियां जी में पं. कुमुद सोनी एवं महाराज श्री ने पूजन कार्य से आम आदमी को को धर्मलाभ लेकर पुण्र्याजन करने की महिमा पर प्रकाश डाला। कुमुद सोनी ने मण्डल शुद्धि, भगवान विराजमान, इन्द्र प्रतिष्ठा सहित अनेक कार्यक्रम विधिविधान द्वारा सम्पादित करवाये। मुनिश्री ने धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि समय अनमोल है, समय जीवन है। जैनाचार्य कुन्दकुन्द स्वामी ने समय को आत्मा की संज्ञा देते हुए कहा कि समय का सदूपयोग ही इसकी पूजा है।
उन्होने मानव जीवन को सार्थक करने के लिए जीवन के हर क्षण को जीवन्तता के साथ जीने के साथ ही समय का मूल्य समझने का आह्वान किया। धर्म सभा के बाद मुनिश्री प्रसन्न सागर ने मंगलपुरा के लिए विहार किया। इससे पूर्व दोपहर में मुनि श्री विवुद्ध सागर के सानिध्य में विश्व शांति महायज्ञ के हवन में अष्ट द्रव्यों की आहूतियां दी गई। कार्यक्रम में जैन समाज के अध्यक्ष दानमल सौगानी, कोषाध्यक्ष अशोक कुमार बिनायक्या, मंत्री प्रकाशचन्द गंगवाल, मुनि संघ कमेटी के अनिल छाबड़ा, पारस बगड़ा, सुरेश पाण्ड्या, कमल बगड़ा, लालचन्द बगड़ा, महावीर पाटनी, प्रदीप पाण्ड्या, डा. सरोज कुमार छाबड़ा, डा. अरविन्द कुमार जैन, मनीष बिनायक्या, शैलेन्द्र गंगवाल, मनोज पहाडिय़ा, पवन छाबड़ा, किशोर पाण्ड्या, विनित छाबड़ा, अहिंसा परिषद के नीलम कुमार गंगवाल, महिला मण्डल से उषा बगड़ा, ललिता, प्रेमलता बगड़ा, संगीता जैन, नीतू जैन रितु जैन, बाल मण्डल के अमन बगड़ा, मितेश सेठी, दीपक बगड़ा आदि उपस्थित थे।