गर्भस्थ शिशु संरक्षण समिति के प्रदेशाध्यक्ष रामकिशोर तिवाड़ी ने कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय की निरन्तर प्रताडऩा एवं चेतावनी के बाद भी भु्रण हत्या को रोकने के सरकारी स्तर पर नाम मात्र के प्रयास हुए हैं। जिसके चलते कोख के हत्यारे चिकित्सक एवं समाज कंटक लगातार इस जघन्य अपराध को बढ़ावा दे रहे हैं।
तिवाड़ी ने कहा कि एक तरफ सरकार कन्या भु्रण हत्या रोकने के लिए मार्मिक नारे दे रही हैं वहीं दूसरी ओर अनचाहे गर्भ के समापन की खुली छुट प्रदान कर चिकित्सकों को गर्भस्थ शिशु की हत्या करने का लाईसेन्स दे रही है। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि कन्या भ्रुण हत्या के साथ-साथ नवजात शिशुओं को फेंकने की घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है। जो कि अपने आप सरकारी प्रयासों की विफलता की ओर संकेत करता है तथा जो कि समाज व सरकार के लिए घोर चिन्तनीय है।
तिवाड़ी ने कहा कि पढ़े-लिखे सुशिक्षित व सम्पन्न लोग भु्रण हत्या ज्यादा कर रहे हैं। तिवाड़ी ने जनजागृति आदि अभियानों के द्वारा बेटियों के प्रति सोच बदलने के अपने प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार की ढि़लाई एवं अधिकारियों की मिली भगत के कारण भ्रुण हत्या का दौर बैखोफ जारी है तथा सुप्रीम कोर्ट के आदेश-निर्देश फाईलों व किताबों की शोभा बनकर रह गये हैं। इस अवसर पर समिति के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष हनुमानगढ़ के टी.सी. अग्रवाल, प्रदेश मंत्री सरदारशहर के टीकमचन्द भोजक, प्रदेश महिला मंत्री डीडवाना की सरिता रूवाटिया, महिला प्रभारी सुजानगढ़ की यशोदा माटोलिया तथा तहसील अध्यक्ष करणीदान मंत्री व ब्रह्मप्रकाश लाहोटी उपस्थित थे।