सालासर में आयोजित शिविर में पालनहार का प्रमाण पत्र देते हुए प्रभारी मंत्री गुरमीतसिंह कुन्नर

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जिले के प्रभारी व कृषि विपणन राज्यमंत्री गुरमीत सिंह कुन्नर ने कहा है कि प्रशासन गांवों के संग अभियान के दौरान लगाए जा रहे शिविरों से कोई भी व्यक्ति निराश होकर नहीं लौटना चाहिए, इसी में इस अभियान की सार्थकता है। वे गुरुवार को सुजानगढ पंचायत समिति के ग्राम सालासर में प्रशासन गांवों के संग अभियान शिविर के उद्घाटन के बाद आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि उनकी सफलता इसी में है कि शिविर में आया कोई व्यक्ति यह नहीं कह सके कि उसका होने योग्य काम अधिकारियों ने नहीं किया।

राज्य सरकार की मंशा है कि इस अभियान के जरिए गांवों में जाकर ही ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान हों और मौके पर ही उन्हें विभिन्न योजनाओं व सुविधाओं का लाभ मिले। हम सब को मिलकर राज्य सरकार की इस मंशा के मुताबिक काम करना है और अभियान से अधिकतम लोगों को लाभान्वित करना है। उन्होंने सालासर से अभियान के शुभारंभ को अच्छी शुरुआत बताते हुए कहा कि देश के प्रत्येक व्यक्ति की सालासर धाम में आस्था है कि यहां से कोई निराश नहीं लौटता। इन शिविरों से भी कोई व्यक्ति निराश होकर नहीं लौटे, यह हमारा प्रयास रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं का यह दायित्व है कि वे पीडि़त व्यक्तियों को शिविरों में लाएं और अधिकारियों से मिलकर उनके काम कराएं। समारोह की अध्यक्षता करते हुए जिला कलक्टर रोहित गुप्ता ने कहा कि ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान में प्रशासन के स्तर पर कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

उन्होंने कहा कि शिविरों में राजस्व विभाग की ओर से हक परित्याग के कार्य संपादन के लिए जिला स्तर से वांछित निर्देश जारी कर दिए जाएंगे तथा पुश्तैनी भूमियों के पट्टों के नियमों में संशोधन के लिए राज्य सरकार स्तर पर कार्यवाही जारी है। इस संबंध में आदेश जारी होने पर ग्रामीणों को खासी राहत मिल सकेगी। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि वे शिविरों का अधिकतम लाभ उठाएं और जीरो बैलेंस पर खाते भी खुलवाएं। पूर्व जिला प्रमुख भंवर लाल पुजारी ने कहा कि शिविरों की सफलता के लिए अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को मिलजुलकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि अभियान के अंत में एक बार फिर सालासर में शिविर लगना चाहिए तथा शिविर में किसी ग्राम पंचायत के प्रक्रियाधीन शेष रहे कार्यों को आगामी दिनों में पड़ौसी पंचायतों में लगने वाले शिविरों में पूरा किया जाना चाहिए। पूर्व प्रधान एवं जिला परिषद सदस्य पूसाराम गोदारा ने पुश्तैनी भूमियों के पट्टों के नियम में संशोधन एवं शिविरों में हक परित्याग के कार्यों की आवश्यकता जाहिर करते हुए कहा कि राज्य सरकार गांव के गरीब एवं वंचित लोगों के घरों में विकास का दीया जलाना चाहती है। अधिकारियों को राज्य सरकार की मंशा के अनुसार काम करते हुए लोगों को शिविरों का लाभ देना है।

शिविर प्रभारी एसडीएम फतेह मोहम्मद खान ने शिविर में संपन्न किए जाने वाले कार्यों की जानकारी दी। देवकीनंदन पुजारी, कृषि उपज मंडी के पूर्व अध्यक्ष सुरजाराम ढाका ने भी विचार व्यक्त किए। इस मौके पर सीईओ राजेंद्र सिंह कविया ने अधिकारियों को विभिन्न कार्यों के संबंध में निर्देश दिए। सरपंच दामोदर मेघवाल, विकास अधिकारी विक्रम सिंह राठौड़, प्रगति प्रसार अधिकारी विद्याधर पारीक, तहसीलदार मूलचंद लूणियां, समाज कल्याण अधिकारी सत्यपाल जांगिड़, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर रामकुमार कस्वां, एससी-एसटी निगम के शंकर लाल शर्मा, एलडीएम टीपी तुलस्यान, रविशंकर पुजारी, डीएसओ राकेश शर्मा, सहायक रजिस्ट्रार रामावतार चौधरी, उप सरपंच हीरालाल, जीएसएस अध्यक्ष रामचंद्र, एस एल इंदलिया सहित चिकित्सा, शिक्षा, ऊर्जा, पेयजल, आयुर्वेद, सार्वजनिक निर्माण विभाग सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे। प्रभारी मंत्री एवं कलक्टर ने इस मौके पर विभिन्न विभागों के काउंटरों का अवलोकन किया और जरूरी निर्देश दिए।

निशा को मिलेगी प्रतिमाह सहायता
प्रभारी मंत्री गुरमीत सिंह कुन्नर ने शिविर में ही कुमारी निशा को पालनहार योजना का स्वीकृति पत्र प्रदान किया। समाज कल्याण अधिकारी सत्यपाल जांगिड़ ने बताया कि शिविर में विधवा संपतदेवी के आवेदन पर पालनहार योजना में आर्थिक सहायता की स्वीकृति जारी की गई है। अब निशा की पढ़ाई के लिए तीन वर्ष तक प्रतिमाह 675 रुपए तथा प्रतिवर्ष दो हजार रुपए एकमुश्त आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसी प्रकार प्रभारी मंत्री ने प्रहलाद खां, चूकी बानो, रंगीदेवी को पेंशन योजनाओं के स्वीकृति पत्र तथा यशस्वी, नंदिनी, मानव के जन्म प्रमाण पत्र प्रदान किए।

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