पत्नि के दिवंगत होने पर मृत्यु भोज नहीं करने का निर्णय लेने वाले रामचन्द्र पुत्र नारायणराम फलवाडिय़ा एवं उनके पुत्रों बालाराम, नोरतनमल, छगनलाल, ओमप्रकाश फलवाडिय़ा को ये निर्णायक कदम उठाने के लिए धन्यवाद देते हुए अखिल भारतीय रैगर महासभा के पूर्व सम्भागीय उपाध्यक्ष नरसाराम फलवाडिय़ा ने इसे समाज के लिए अनुकरणीय कदम बताया। शिक्षाविद् फलवाडिय़ा ने बताया कि समाज में मृत्यु भोज बंद करने को लेकर चिन्तन चल रहा था।
लेकिन इच्छा शक्ति एवं जागरूकता के साथ पार्षद बाबूलाल कुलदीप, लिछमणराम बाकोलिया, रामचन्द्र सुवासिया, लूणाराम सुवासिया, छगनलाल बाकोलिया, प्रदीप फलवाडिय़ा, बीरबल फलवाडिय़ा छगनलाल मौर्य ने रामचन्द्र फलवाडिय़ा एवं उसके पुत्रों की इस पहल को फिजुल खर्ची रोकने की दिशा में अहम कदम बताते हुए समाज के लिए एक आदर्श बताया।
martyu bhoj nahi karna cahiye q ki logo ko bulane per bhi ve nahi aate h to sara bhojan faltu hi chala jata h , islea martyu bhoj nahi karna chahiye , in hone isko band kar aapna important parchaye de diya , thinkyou
ramchandra dada ji ne yah pahal bahut hi achi kar di , me unko thinkyou kahna chahta hu, martyu bhoj nahi karna cahiye , faltu ke rs. barbaad hote h,
vary vary thinkyou