वेदों की ऋचाओं से गुंजायमान वेंकटेश्वर मन्दिर

दक्षिण भारतीय वास्तु कला के संवाहक वेंकटेश्वर मन्दिर में चल रहे पवित्रोत्सव में रविवार को सुबह भगवान की पूजा अर्चना के बाद रक्षाबंध एवं पवित्रमाला बंधन हुए। इसके बाद भगवान की सवारी निकाली गई। तत्पश्चात भगवान को यज्ञशाला में विराजमान किया गया और यजमानों को संकल्प दिलवाया गया। उसके बाद रविवार के हवन की पूर्णाहूति हुई एवं गोष्ठी प्रसाद का वितरण किया गया। शाम को हवन के पश्चात आरधन पूजा सम्पन्न हुई। दक्षिण भारतीय विद्वान वेदपाठी पंडितजनों द्वारा प्रसिद्ध पंडित कृष्ण कुमार भट्टर के सानिध्य में मंत्रोच्चारण के साथ यज्ञ शाला में हवन किया गया। पवित्रोत्सव के दौरान दक्षिण भारतीय विद्वजनों द्वारा मन्दिर परिसर में वेदपाठ एवं प्रबन्ध पाठ किया जा रहा है।

वेदपाठ से वेदों की ऋचाओं से मन्दिर गुंजायमान हो रहा है। पवित्रोत्सव के दौरान होने वाले धार्मिक आयोजनों का पुण्य लाभ लेने के लिए सुजानगढ़ एवं आस-पास के अनेक श्रद्धालु आ रहे हैं। वेंकटेश्वर फाऊण्डेशन की ट्रस्टी श्रीमती मंजू जाजोदिया ने बताया कि पूर्ण विधिविधान के साथ 28 नवम्बर तक चलने वाले इस विष्णु महायज्ञ में अनेक धार्मिक आयोजन सम्पन्न होंगे। जाजोदिया ने बताया कि विश्व कल्याण, सुख शान्ति, सन्तुष्टि, आत्म शुद्धि एवं वर्ष भर हुई त्रुटियों के लिए पवित्रोत्सव का आयोजन किया जाता है।

पवित्रोत्सव की तैयारियों में मन्दिर के व्यवस्थापक मोहनसिंह राठौड़, पं. रमेश, पं. अनिल, पं. अशोक, नथमल शर्मा, कमलसिंह, शिवभगवान शर्मा, मुकुनसिंह, पप्पूसिंह, चम्पालाल, बजरंगलाल, नानूराम, पदमाराम, धनराज जुटे हुए हैं। दक्षिण भारतीय विद्वान पंडित कृष्ण कुमार भट्टर अपने विद्वान पंडितजनों के साथ पवित्रोत्सव के दौरान होने वाले धार्मिक आयोजनों को पूर्ण विधि-विधान एवं वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ सम्पन्न करवा रहे हैं।

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