सुजानगढ़ की अनदेखी करने पर न्यायालय की शरण लेने की चेतावनी

सुजानगढ़ जिला बनाओ संघर्ष समिति के हाजी गुलाम सदीक छींपा, सत्यनारायण खाखोलिया, नरसाराम फलवाडिय़ा एवं गोपाल सोनी ने प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह, सप्रंग अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को पत्र प्रेषित कर सुजानगढ़ को जिला बनाने की मांग की है। पत्र में राज्य सरकार पर पक्षपात करने एवं नैसर्गिक न्याय के सिद्धान्त का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए पुनर्विचार के लिए प्रदेश सरकार पर दबाव डालने की मांग की गई है।

पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष हाजी गुलाम सदीक छींपा, ब्लॉक कांग्रेस के कोषाध्यक्ष सत्यनारायण खाखोलिया, राजस्थान पेंशनर समाज के पूर्व सचिव नरसाराम फलवाडिय़ा एवं सुजानगढ़ जिला बनाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष गोपाल सोनी द्वारा संयुक्त रूप से लिखे गये पत्र के अनुसार विधानसभ चुनाव 2008 के घोषणा पत्र में नये जिलों के सृजन की घोषणा की गई थी। उसके बाद में 13 जनवरी 2009 में राजस्व मण्डल अध्यक्ष के समक्ष एक लाख बीस हजार की आबादी वाले सुजानगढ़ को जिला बनाने की मांग की गई थी। पत्र में लिखा है कि 2011 की जनगणना के अनुसार बड़े शहरों में देश में 487 वां एवं राजस्थान में 25 वां स्थान सुजानगढ़ का है। पत्र में लिखा है कि राजस्थान की स्थापना से पूर्व राज श्री बीकानेर रिययासत के समय सुजानगढ़ जिला था।

बड़े शहरों में शुमार नागौर एवं बांसवाड़ा से भी आगे सुजानगढ़ है, जिसकी अनदेखी कर इन शहरों को जिला बनाकर नैसर्गिक न्याय के सिद्धान्त का हनन कर वर्तमान में जिला बनाने की सूची से सुजानगढ़ का नाम हटा देना राज्य सरकार की पारदर्शिता, जवाबदेही एवं संवेदनशील होने की प्रतिबद्धता पर सवालिया निशान लगाता है। पत्र में आरोप लगाया गया है कि राजनीतिज्ञों के पक्षपातपूर्ण रवैये एवं गुप्त समझौते के बीच नागौर के डीडवाना को जिला बनाने का मिडिया में प्रचार-प्रसार करना संदिग्ध लगता है।

जनगणना 2011 में नागौर का नाम सुजानगढ़ के बाद है और डीडवाना का तो कहीं नाम ही नहीं है, उसके बाद भी लम्बे समय से मांग का तर्क देकर सुजानगढ़ के जिला बनने की सम्भावनाओं पर विराम लगाकर सारे मापदण्डों एवं नियम कायदों पर पानी फेर देने का आरोप राज्य सरकार पर लगाया है। पत्र में मुख्यमंत्री पर घोषणाओं पर ज्यादा एवं व्यवहारिक पक्ष पर कम ध्यान देने का आरोप लगाते हुए राजस्थान की स्थापना 1950 के समय एवं आजादी के 62 वर्ष पूर्व सुजानगढ़ जिला था, ऐसे में डीडवाना की मांग का कोई औचित्य नहीं है। पत्र में समिति से गुणावगुण पर विचार करने की मांग करते हुए सुजानगढ़ की अनदेखी करने पर सक्षम न्यायालय में याचिका प्रस्तुत करने की चेतावनी भी दी गई है। पत्र में डीडवाना पर मुख्यमंत्री द्वारा हठधर्मिता नहीं छोडऩे पर सुजानगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का प्रदर्शन कमजोर होने और उसके नुकसान की भरपाई डीडवाना को जिला बनाने से नहीं होने की चेतावनी भी दी गई है।

3 COMMENTS

  1. sujangarh ke sabhi log sujangarh ko jila banane main lagy hue h, unko aapka sath chahiye, and sujangarh ko jila banane main sabhi sujangarh vasi sahyoog kare, purane time main sujangarh jila tha

  2. sujangarh jila jarur banega, yah hum sabka sapath h, iske liye kathore tapasya karni padegi , tabhi sujangarh aane wale dino main jile ke rup main ubhar sakega, main sabhi sujangarh vasio se niveedan karta hu ki sab ekjut hoker aandolan kare jis se ki aane wale dino sujangarh sujla jila ban payege, sujangarh jarur jila banega…..
    didwana jila nahi bankar sujangarh jila banega aur jarur sujla jila banega, thinkyou

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