नवासा-ए- रसूल इमाम हुसैन व शहीदानें करबला की शहादत को खिराजे अकीदत देने के लिए कस्बे में अनेक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। कादरी चौक में आयोजित अजमते हुसैन कान्फ्रेन्स में पीरे तरीकत जहूर अली अशरफी की सदारत में मुरादाबाद के मौलाना नईमुद्दीन व मौलाना मोहम्मद रफीक ने शहादते हुसैन विषय पर प्रकाश डाला। हाफिज आरीफ, जावेद अली, इरशाद, मोहम्मद मुश्ताक, मे. अकरम, हाफिज अकरम काजी ने मनकबत की प्रस्तुतियों से शहीदे आजम हुसैन व उनके 72 साथियों की शुजाअत व हको बातिल की जंग का मंजर पेश किया। ईदगाह मस्जिद में मौलाना गुलाम नबी की कयादत में बज्में हुसैन मुनअकिद हुई। यादे हुसैन में बहुत से मुसलमानों ने आसुरा का रोजा रखा।
हलीम, सबील, सीरनी व चूरमे पर नियाज दिलाई। कस्बे में धिंगानियां बास, हनुमान धोरा, बाड़ी बास व बिसायती मोहल्ले से ढ़ोल-ताशों की मातमी धुनों के बीच चार ताजिये निकाले गये। ताजिये कस्बे के विभिन्न रास्तों से होते हुए घंटाघर, गांधी चौक, लाडनूं बस स्टैण्ड होते हुए ईदगाह के पास स्थित करबला पंहूचे। जहां उन्हे दफन किया गया। जुलूस में विधायक मा. भंवरलाल मेघवाल, जिप सदस्य पूसाराम गोदारा, राधेश्याम अग्रवाल, पूर्व मंत्री खेमाराम मेघवाल, नगरपालिका अध्यक्ष डा. विजयराज शर्मा ढ़ोल ताशे बजाकर मुस्लिम भाईयों के साथ शहीदाने करबला के प्रति श्रद्धा व्यक्त की। अलेक युवकों ने लाठी, गडपट्टा, गुर्ज, तलवार बाजी के द्वारा हैरत अंगेज करतब दिखाये। ताजियों के अनुज्ञाधारी उस्मान गनी, मो. युनूस, नजमुद्दीन एवं असगर अली का साफा बांधाकर एवं नोटो की माला पहनाकर इस्तकबाल किया गया।
बच्चों एवं महिलाओं ने ताजियों के नीचे से निकलकर मन्नत मांगी तथा सिरनी चढ़ाई। ताजियों के दौरान उपखण्ड अधिकारी फतेह मो. खान, पुलिस उपाधीक्षक नितेश आर्य, नगर कांग्रेस अध्यक्ष रामवतार मंगलहारा, हाजी शम्सूद्दीन स्नेही, हाजी गुलाम सदीक छींपा, सत्यनारायण खाखोलिया, नेता प्रतिपक्ष रामनारायण प्रजापत, इदरीश गौरी, पार्षद बाबूलाल कुलदीप, महबूब व्यापारी, पूसाराम मेघवाल, विद्याप्रकाश बागरेचा, धर्मेन्द्र कीलका, फारूक तेली मामा, नूर मोहम्मद कायमखानी, इकबाल खां, युनूस खां, मुराद खां, शाकिर खान बेसवा, बशीर फौजी, मनवर खां, पार्षद पवन चितलांगिया, गणेश मण्डावरिया, बुद्धिप्रकाश सोनी, प्रहलाद जाखड़, युसुफ गौरी, सुफी सुल्तान सहित प्रशासनिक अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि एवं राजनेता उपस्थित थे।