स्थानीय सिंघी जैन मन्दिर में समन्वय चार्तुमास कर रहे दिव्यानन्द महाराज निराले बाबा ने कहा कि मनुष्य को दिन के 24 घंटे में से 20 घंटे अग्रि के साथ व्यतीत करने पड़ते हैं। चाहे सुबह उठने पर रोशनी हो या दिन में सूर्य का प्रकाश, पूजा करते समय ज्योति प्रज्जवलन हो या भोजन पकाने के लिए आग जलाना अर्थात जन्म से मरण तक जनमानस जीवन में प्रत्येक पल अग्नि तत्व से गुजरता है। निराले बाबा ने कहा कि परमात्मा की भक्ति के इस महायज्ञ में मंत्र साधना कर शक्ति सम्पन्न बन सकते हैं। महायज्ञ व सर्वतोभद्र महापूजन में सुभाषचन्द, पवन कुमार बरमेचा परिवार के सदस्यों ने भाग लिया। इस अवसर पर उमरावदेवी सिंघी, अशोक सिंघी, प्रेमलता बाफना, श्रवण जालान, गोपाल भोजक, सम्पत सोमानी, प्रमोद राठी, सन्तोष देवी जालान, प्रेम गोठडिय़ा, ममता सोमानी, प्रो. चतरसिंह डोटासर, विमला डोटासर, ईशा बरमेचा सहित अनेक गुरू भक्त उपस्थित थे।