दी यंग्स क्लब ऑफ सुजानगढ़ की माणक जयंती समारोह के अंतर्गत रविवार रात्रि को स्व. लालचंद पानादेवी कनोई स्मृति अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में उपस्थित श्रोतागण देर रात के ठहाके लगा-लगाकर हंसते रहे। नगरपालिकाध्यक्ष डा. विजयराज शर्मा की अध्यक्षता, जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय लाडनू के अध्यक्ष ताराचंद रामपुरिया के मुख्य आतिथ्य में आयोजित इस काव्य संध्या के विशिष्ट अतिथि उपखण्ड अधिकारी फतेह मोहम्मद खान, नथमल झंवर, मोदी पब्लिक स्कू ल के प्रबंध निदेशक श्यामसुंदर मोदी थे। मुरलीधर कृष्ण कुमार कनोई के सौजन्य से मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन से आरंभ हुए कवि सम्मेलन का आगाज मेरठ से आई कवयित्री तुषा शर्मा ने मां शारदे की वंदना से किया। शर्मा ने -चाहे मुल्क हजारों हो पर भारत मुल्क महान है..के माध्यम से काव्य संध्या का वातावरण निर्मित हुआ। तत्पश्चात चूरू से आये हनुमान आदित्य ने -दरबारी स्यूं राजा ताणी, संगळा आंर सागै है, सारा-चोर उचक्का लुच्चा, भाई भतीजा लागे है.. सुनाकर वाह-वाही लूटी।
चूरू जिले का प्रतिनिधित्व करते हुए कवि बनवारीलाल खामोश ने गजल -दीवानों से बातें करके दीवाने हो जाओगे.. सुनाकर श्रोताओं से भरपूर दाद पाई। अलीगढ़ से आये हास्य रस के कवि पदम अलबेला ने छंद और पेरोडी के माध्यम से श्रोताओं को बेहद गुदगुदाया। अलबेला की रचना -मां बापों से बेटी को बहुत प्यार होता है, बेटा तो बस दौलत का तलबगार होता है.. ने खूब तालियां बटोरी। उसके बाद नागदा मध्यप्रदेश से आये हास्य रस की विधा के सशक्त कवि अशोक सुंदरानी ने व्यंग्य, वेदना, करूणा एवं ठहाकों से सजी अनेक कविताओं का पाठ करते हुए -जूते का दर्द.. कविता से बेहद प्रशंसा पाई। कविता के बोल में जूता कहता है -हमने सर्दी की चुभन और गर्मी की तपन दोनों को बराबर सहकर लोगों को उनकी मंजिल तक पहुुंचाया। कवि युसूफ भारद्वाज ने हरियाणवी शैली में हास्य व्यंग्य की के साथ – सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा, हम बुलबुलें हैं इसकी, हमने ही चमन उजाड़ा.. पेश की। वीर रस के रचनाकार डा. अर्जुन शिसोदिया ने कवि सम्मेलन को नई रवानी देते हुए -किसी भी मुल्य पर पावन वचन बिकने नहीं देंगे, चमन की बात क्या कोई सुमन बिकने नहीं देंगे.. भाव विभोर कर दिया।
साहित्य मनीषी कन्हैयालाल सेठिया की धरती पर आयोजित इस काव्य संध्या का संचालन करते हुए दिल्ली के ख्यातनाम कवि डा. प्रवीण शुक्ल ने राष्ट्र की विसंगतियों एवं व्यवस्थाओं पर तीखे प्रहार किये तथा छंग व मुक्तक के माध्यम से श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया। उन्होंने-जिस घर ने पाल पोस के तुमको बड़ा किया, आंगन को उसके बांटो मत दीवार की तरहा.. से खूब वाहवाही लूटी। कवि सम्मेलन में भ्रष्टाचार, मंहगाई, अन्ना हजारे सहित अनेक मुद्दे छाये रहे। कार्यक्रम के प्रारंभ में सांस्कृतिक सचिव गिरधर शर्मा ने आयोजन विषयक जानकारी देते हुए क्लब की सामाजिक व सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। क्लब के अध्यक्ष निर्मल भूतोडिय़ा ने क्लब की भावी योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए कवियों का परिचय प्रस्तुत किया। अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत क्लब सचिव महावीर मिरणका, मधुसूदन शर्मा, हाजी मोहम्मद, विमल भूतोडिय़ा, निर्मल बोकडिय़ा, संजू कोठारी, अंजू भूतोडिय़ा, कमल भूतोडिय़ा, गोपाल चोटिया, देवेंद्र कुण्डलिया, माणक रामपुरिया, अयूब खां ने किया।