गुरू का स्मरण ही श्रद्धा व समर्पण का भाव : होशियार नाथजी

कस्बे के बगडिय़ा मंदिर के पास गत रात्रि विजय दशमी के दिवस पर भावनदेसर के पीठाधीश्वर महंत श्री होशियार नाथजी महाराज का 75 वां जन्म दिवस समारोह मनाया गया एवं इस अवसर पर भजन संध्या का आयोजन किया गया। श्रीनाथजी के भक्त मुरारी फतेहपुरिया ने बताया कि महाराजश्री का जन्म विजय दशमी सम्वत 1995 को सातड़ा ग्राम में हुआ। जन्म से श्रीनाथजी को अर्पण होने के बाद 11 वर्ष की आयु में फतेहपुर के श्रीअमृतनाथजी आश्रम में योगीराज श्रीशुभनाथजी महाराज ने गुरू दीक्षा प्रदान कर आपको शिष्य धारण किया। आपने गुरूजी की आज्ञा से देश विदेश में अनेको यात्राएं की तथा आपने करीब 31 वर्ष पूर्व में ग्राम भवनदेसर तहसील रतनगढ़ में शिव मंदिर श्रीनाथजी के आश्रम का निर्माण करवाया। होशियार नाथजी महाराज ने अपने 75 वें जन्म दिवस पर मावे का केक काटा। उपस्थित भक्तजनों को सम्बोधित करते हुये होशियार नाथजी महाराज ने कहा कि मेरा सुजानगढ़ में प्रथम आगमन गुरूजी योगीराज श्रीशुभनाथजी महाराज के सानिध्य में 56 वर्ष पूर्व हुआ था।

श्रीनाथजी ने कहा कि जो लोग अपने गुरू व अपने पूर्वजो के जन्म दिवस व उनकी जयन्तियों को स्मरण रखकर मनाते है यह उनकी यह सच्ची श्रद्धा एवं समर्पण का भाव है। इसके पश्चात आयोजित भजन संध्या में नाथजी के भक्तों ने मंगल की मूल भवानी शरणा तेरा है.., हनुमान के चरणों में एक फूल चढाना है.., आदि सुमधुर भजनो की प्रस्तुतियां दी गई। पवनकुमार दादलिका, सुरेशचंद तोदी, सुभाष शर्मा, मदनलाल तोदी व मुरारी फतेहपुरिया ने नाथजी का माल्यार्पण कर प्रतीक चिन्ह भेंट कर उनसे आर्शीवाद लिया नाथजी के जन्मोत्सव पर श्रीराम नाई, बजरंग फतेहपुरिया, गोपाल सोनी, संजय मंगलूनिया, संदीप शर्मा, रामलखन तुनवाल, भागीरथ स्वामी, सुरेन्द्र मिरणका, चिमनलाल शर्मा, दीनदयाल सामरिया, मुकेश जाट, पिन्टू दर्जी सहित अनेक पुरूष व महिलाएं श्रृद्धालु उपस्थित थे।

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