पुत्रवधु और उसके पिता सहित सरदारशहर के तीन अधिवक्ताओं के खिलाफ जिला पुलिस अधीक्षक को शिकायत

एक ससुर ने अपनी पुत्रवधु एवं उसके पिता तथा सरदारशहर के तीन अधिवक्ताओं के खिलाफ फर्जी हस्ताक्षर कर कूट रचित दस्तावेज तैयार कर न्यायालय को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए जिला पुलिस अधीक्षक से आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाकर कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है। रजिस्टर्ड डाक से भेजे गये पत्र में मदनलाल पुत्र नानूराम तंवर (माली) निवासी नलिया बास वार्ड नं. 5 सुजानगढ़ द्वारा बताये गये विवरणानुसार मदनलाल के पुत्र सुनील का विवाह सरदारशहर निवासी रामलाल माली की पुत्री कान्ता के साथ हुआ था।

रामलाल व कान्ता ने सुनील को सरदारशहर में बसाने एवं परिवारजनों को तंग परेशान कर धन हड़पने की नियत से झुठे मुकदमें दर्ज करवाये थे, जो जांच के बाद झूठे पाये गये तथा एफ.आई.आर. संख्या 166/2008 को राजस्थान उच्च न्यायालय ने अपास्त/निरस्त कर दिया, जो आज भी यथावत है। पत्र में लिखा है कि न्यायालय में चल रहे विभिन्न प्रकरणों में कान्ता की ओर से जो वकालतनामा, आवेदन, शपथ पत्र प्रस्तुत किये गये है, उन पर कान्ता के नकली व फर्जी हस्ताक्षर किये हुए हैं, जो कि कान्ता के न होकर किसी अन्य के है। प्रार्थना पत्र में बताया गया है कि 7-12-2011 को ट्रांसफर रिट पीटिशन संख्या 81/2011 में कान्ता की ओर से प्रस्तुत वकालतनामा में माणकचन्द भाटी के कार्यालय का प्रिंटेड वकालतनामा है, जिसमें माणकचन्द भाटी का नाम कांटछांट कर पेश किया गया है।

प्रार्थनापत्र में लिखा है कि विभिन्न न्यायालयों में समय-समय पर खुद उपस्थित होकर कान्ता ने आर्डरशीट एवं वकालतनामों तथा न्यायालय में प्रस्तुत आवेदनों एवं मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार को प्रेषित आवेदन एवं समझौतानामा पर हस्ताक्षर किये हैं। न्यायालय की आदेशिका व इन वकालतनामों, शपथ पत्र, आवेदनों पर कान्ता के किये हुए हस्ताक्षरों में किसी तरह की कोई समानता नहीं है तथा बहुत ज्यादा भिन्नता है। फर्जी एवं कूट रचित हस्ताक्षरों युक्त आवेदन, शपथ पत्र, वकालतनामों की कूट रचना नरेश कुमार भाटी, माणकचन्द भाटी एवं कालूराम सैन एडवोकेट तथा रामलाल माली निवासी सरदारशहर के निर्देशन व जानकारी में होने के बाद भी असली के रूप में सुजानगढ़, जोधपुर, चूरू न्यायालय में उपयोग किया, काम में लेकर प्रार्थी एवं उसके परिवारजन तथा राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर, जिला न्यायालय चूरू के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप प्रार्थना पत्र में लगाया गया है।

प्रार्थना पत्र में लिखा है कि न्यायालय की आर्डर शीट, वकालतनामों पर किये गये हस्ताक्षरों से मिलान व जांच हस्ताक्षर विशेषज्ञ अनिल कुमार गुप्ता फाजिल्का पंजाब एवं डा. दिनेश सेठी पूर्व एडीशनल डायरेक्टर राजस्थान पुलिस फोरेन्सिक साइन्स लैबोरेट्री जयपुर व सम्पतराज बोहरा जोधपुर से करवाई। अपनी रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने याचिकायें आवेदन, वकालतनामों पर अंकित हस्ताक्षर भिन्न व्यक्ति द्वारा किये गये माना। प्रार्थना पत्र में बताया है कि सुजानगढ़ पुलिस, जिला पुलिस अधीक्षक चूरू, पुलिस महानिरीक्षक बीकानेर, अति. महानिदेशक पुलिस अपराध सी.बी. जयपुर, महानिदेशक पुलिस प्रमुख शासन सचिव गृह विभाग जयपुर को भी भेजी गई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here