अंचल के सबसे बड़े चिकित्सालय की व्यवस्था चिकित्सकों के अभाव में चरमाई हुई हैं। कस्बे के राजकीय चिकित्सालय के चिकित्सकों की विभिन्न शिविरों में ड्यूटी लगाने के कारण मरीजो को निराश लौटना पड़ रहा है। एक मात्र चिकित्सक डा. दिलीप सोनी पर पूरे चिकित्सालय का भार छोड़कर जिला चिकित्सा अधिकारी द्वारा बगडिय़ा चिकित्सालय के सभी चिकित्सकों की अलग-अलग कैम्पों में ड्यूटियां लगाने से मरीज परेशान होकर निराश लौटने को मजबूर है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुरूवार को बगडिय़ा चिकित्सालय के सीएमएचओ डा. सी.आर. सेठिया चूरू विडियो कान्फ्रेसिंग में थे तो डा. सीताराम गोदारा एवं डा. एन. के. प्रधान छापर में मेडीकल कैम्प में अपनी सेवायें दे रहे थे। डा. शेरसिंह राठौड़ सालासर नसबन्दी कैम्प में डा. नरेश कुमार के साथ ड्यूटी पर थे, जहां एक भी नसबन्दी ऑपरेशन नहीं हुआ।
निश्चेतक चिकित्सक डा. सकरवाल की ड्यूटी सालासर मेले में लगाई गई, जहां पर किसी को बेहोश करने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती। ऐसे में पीछे चिकित्सालय में एक मात्र चिकित्सक डा. दिलीप सोनी ही बचे, जो अकेले ही सात-आठ सौ से अधिक के आऊटडोर को चैक करें, भर्ती मरीजों की जांच करें तथा आपातकालीन सेवा दे एवं कोई मृतक आये तो उसका पोस्टमार्टम करे। आखिर एक चिकित्सक कैसे ये सारे काम करे? बदलते मौसम में बढ़ते मरीजों को कौन देखे? जबकि अभी 23 अक्टूबर को ही पूर्व शिक्षा मंत्री व क्षेत्रिय विधायक मा. भंवरलाल मेघवाल ने फोन पर सीएमएचओ को आगामी 15 दिनों तक सभी चिकित्सकों की कैम्प ड्यूटियां नहीं लगाने को कहा था, इसके बाद भी सीएमएचओ ने चिकित्सालय के सभी चिकित्सकों की कैम्पों में ड्यूटियां लगा दी और सुजानगढ़ के मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ दिया।
YE TO BHUT DINO SE CHAL RHA H BS KOI SUDH LENE WALA NHI H SUJANGARH JAISE BDE HOSPITAL ME KEWL PRATHMIK UPCHAHR KI SUBIDHA H USKE AAGE KUCH NHI HMARE DOCTOR BHEE KHUB ACHHE H CHOTI SI PROBLAM KO GHRAI SE DEKHTE H OR HATH LGAE BINE H JAIPUR BHEJ DETE H WRNA BIKANER TO PARMANENT H HI