स्थानीय रेलवे स्टेशन परिसर में शनिवार को पूर्व शिक्षामंत्री व विधायक मा.भंवरलाल मेघवाल ने रेल यात्रियों की सुविधार्थ स्व. हंसराज डागा जल मंदिर का लोकार्पण किया। चूरू जिला विकास परिषद के तत्वावधान में आयोजित समारोह में उपस्थित जनो को सम्बोधित करते हुए विधायक मा.भंवरलाल मेघवाल ने कहा कि मातृभूमि के विकास में भामाशाहों का सराहनीय योगदान रहा है। अब भामाशाह परिवार के सदस्यों को भी अपने पूर्वजों की तरह जन सेवा में सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए। उन्होने कहा कि जल ही जीवन है , जल के बिना जीवन में अंधेरा है। इस लिए यात्रियों की सुविधार्थ जल मंदिर बनाकर सेवा करना पुण्य का कार्य है।
सरकार रेलवे स्टेशन या बस स्टेण्ड पर बिजली -पानी की व्यवस्था करती है लेकिन भामाशाहों को भी समाज हित में इस प्रकार के कार्य करते रहना चाहिए। उन्होने कहा कि ब्रोडगेज लाइन बनने से लोगों को घंटो तक इंतजार करना पड़ रहा। जिसके लिए कस्बें के पांच फाटकों पर महानरेगा के तहत अण्डर ब्रिज बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जल मन्दिर के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए जिला परिषद सदस्य पूसाराम गोदारा ने कहा कि जनहितार्थ कार्यों के लिए भामाशाहों को आगे आना चाहिये। गोदारा ने कहा कि क्षेत्र के भामाशाहों ने समय-समय पर आगे बढ़कर अनेक जनहितार्थ कार्य किये हैं। चूरू जिला विकास परिषद के अध्यक्ष बाबूलाल दुगड़ ने आयोजकीय पृष्ठभुमि पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राधेश्याम अग्रवाल, रेलवे स्टेशन अधीक्षक सुमेरसिंह राठौड़, मनीष डागा, नगर परिषद चूरू के पूर्व सभापति चांद मोहम्मद, ओसवाल युवक सम्मेलन के सचिव गोविन्द बाफना, छापर नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष पूसराज शर्मा, ने सम्बोधित किया। भी मंचस्थ थे।
अतिथियों का स्वागत शॉल व माल्यार्पण कर मनीष डागा ने किया। श्रीमती सम्पतदेवी डागा ने अतिथियों व उपस्थितजनों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर चम्पालाल तंवर, तनसुखमल लोढ़ा, अन्नाराम डाबरिया, रतन भारतीय, पार्षद मधु बागरेचा, उषा बगड़ा, आसकरण नारनोल, पूनमचन्द प्रजापत, पुलिस उपाधीक्षक नितेश आर्य, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियन्ता शंकरलाल इन्दलिया , पूर्व पार्षद श्यामलाल गोयल, लालचन्द शर्मा, नगरकांग्रेस अध्यक्ष रामवतार शर्मा, विद्याप्रकाश बागरेचा, विद्याधर बेनीवाल, एड. सुल्तान खां चौधरी, धर्मेन्द्र कीलका, सीआई रामप्रताप विश्नोई, आदि उपस्थित थे। संचालन एड. घनश्यामनाथ कच्छावा ने किया।