राकेश की एक झलक पाने का इंतजार करता उसक परिवार

स्थानीय जाजोदिया स्कूल के पिछे जमालधोरा में रहने वाले मजदूर पोकरमल प्रजापत को डेढ साल पहले विदेश गये पुत्र राकेश की एक झलक पाने के लिए आंखे तरस रही है। दुखी ,बेवश पिता पोकरमल प्रजापत ने बताया कि मेरा जेष्ठ पुत्र राकेश डेढ वर्ष पूर्व रियाज सऊदी अरब कमाने के लिए गया था जिससे 8 मई 2012 तक सम्पर्क था ओर इससे पूर्व में प्रतिदिन राकेश से बातचीत होती थी । 8 मई के बाद कोई सम्पर्क नही होने पर राकेश के पिता पोकरमल ने उसके साथ रहने वाले व्यक्तियों से सम्पर्क साधा तो राकेश की मृत्यु होना बताया। राकेश की मृत्यु की सूचना के बाद पोकरमल पुरी तरह से टूट चुका था ओर यह गम झेलने की क्षमता निरन्तर घटती जा रही है।

राकेश की एक झलक पाने के लिए पोकरमल ने विदेश मंत्रालय द्वारा मांगे गये कागजात को दो बार भेजकर राकेश का शव सुजानगढ मंगवाने की गुहार लगाई। लेकिन राकेश की मृत्यु के चार माह बितने के बावजूद भी उसका शव सुजानगढ नही आया। हरीश चन्द्र प्रजापत ने बताया कि पोकरमल के परिवार में राकेश एक मात्र कमाने वाला था जिसकी बदौलत परिवार के छह सदस्यों का पालन-पोषण होता था। कुदरता का कहर कदर छाया कि पोकरमल का परिवार आज आर्थिक तंगी के अलावा जवान बेटा खोने से पिता आंसुओं को रोक नही पा रहा है। इस परिवार में पोकरमल के अलावा दो लड़का व दो लड़किया व उसकी पत्नी है। पत्नी सुशीला हादसे के बाद गुमसुम रहती है। पोकरमल ने विदेश मंत्रालय रियाज को 21 अगस्त 2012 को कागजात भेजकर राकेश का शव सुजानगढ भिजवाने की गुहार की है।

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