स्थानीय सिंघी जैन मंदिर में शनिवार को जैनाचार्य दिव्यानंद विजय महाराज के सानिध्य में श्री पाश्र्वनाथ भगवान का निर्माण महोत्सव दिवस हर्षोल्लास पर्व मनाया। इस अवसर निराले बाबा ने कहा कि आज से 2989 वर्ष पहले भगवान श्री पाश्र्वनाथ ने झारखंड में सम्मत शिखर क्षेत्र में अपना चोला छोड़कर मोक्ष निर्वाण का प्राप्त हुए। उन्होने कहा कि आज इस कलयुग में पूरे भारत वर्ष में जितने भी मंदिर तीर्थ जैन धर्म के है उसमें से सबसे अधिक भगवान पाश्र्वनाथ जी के है। इनकी अधिष्ठागी देवी पद्मवती के बहुत चमत्कार हम भक्तजनो का देखने के मिलते है। निराले बाबा ने कहा कि सुजानगढ वासी भाग्यशाली है जिस शहर में 98 वर्ष पहले पाश्र्वनाथ का मंदिर बन गया ओर आज हम पहली बार ऐसे भगवान पाश्र्वनाथ का निर्माण महोत्सव मना रहे है। इससे पूर्व अशोक राखेचा, दीपचंद सिंघी, नगराज सेठिया, ललित धालीवाल, जुगराज सेठिया, सुमेर मल,गौत्तम सिंघी, मनोज सेठिया, चेतन सिंघी ने निर्माण दिवस की पूजा अर्चना की।