स्थानीय सिंघी जैन मंदिर परिसर में आचार्य दिव्यानन्द विजय निराले बाबा के सानिध्य में पर्यावरण और हम विषय पर संगोष्ठी व पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ निराले बाबा ने मंगलाचरण से किया। कायक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व प्रधान व जिपस पुसाराम गोदारा ने कहा कि राज्य सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा हरित क्रांति के माध्यम से गांव-गांव, ढाणी-ढाणी में वृक्षारोपण किया गया ओर आगे भी चलता रहेगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिए जन जन को आगे आकर पौधारोपण करना होगा। निराले बाबा ने सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारी प्रकृति का सौन्दर्यकरण हरियाली है। कश्मीर से कन्या कुमारी तक देखे तो जहां हरियाली अधिक है वहां लोग घुमने व पिंकनिक मनाने जाते है साथ ही हरियाली से देवी देवता भी प्रसन्न होते है।
उन्होने कहा कि आज जन्म से लेकर मृत्यु तक लकड़ी की आवश्यकता होती है। उन्होने कहा कि आज पूरे देश में सूखे की स्थिति बनी हुई है जिसका कारण मानवजाति है जो वृक्षो की कटाई तो कर लेते है लेकिन वृक्षारोपण नही करते। इन्द्रदेवता को पुजा पाठ से प्रसन्न नही किया जा सकता है उसके लिए अधिकाधिक संख्या में वृक्ष लगाने होगे। जब वृक्ष लग जायेगे तो इन्द्रदेवता स्वयं प्रसन्न होकर बरस जायेगे। उन्होने कहा कि हरियाली तीज पर माता-बहिने अपने शरीर पर श्रृंगार करती है वैसे ही पौधे लगाकर धरती माता का श्रृंगार करना चाहिए। सूर्यप्रकाश मावतवाल ने वृक्ष बिना जीवन को अधूरा बताते हुए प्रत्येक व्यक्ति को साल में एक पौधा लगाने का आग्रह किया। कार्यक्रम में स्वामी कानपुरी महाराज, रूकमानन्द शर्मा, प्रेमलता बाफना, सुभाष बेदी, मांगीलाल पुरोहित, ने भी विचार प्रकट किए। इस अवसर पर निराले बाबा, पुसाराम गोदारा, राकेश शर्मा, मदन सोनी, मधुसुदन अग्रवाल, श्याम गोयल, हाजी मोहम्मद, नारायण बेदी, तनसुख लोढा, दुलीचंद सहित अनेक उपस्थित लोगो ने 251 पौधे लगाये। कार्यक्रम का संचालन घनश्याम नाथ कच्छावा व श्रीमति कमला सिंघी ने किया।