स्थानीय सिंधी जैन मंदिर में चल रहे प्रवचन माला में जैन संत आचार्य दिव्यानंद विजय महाराज निराले बाबा ने उपस्थित भक्तो को सम्बोधित करते हुए कहा कि मनुष्य जन्म से नही कर्म से महान बनता है। निराले बाबा ने कहा कि भगवान महावीर स्वामी जी ने देशना देते हुए कहा कि कोई भी जीवात्मा जन्म लेती है अलग-अलग यौनी में लेकिन वो जन्म से नही कर्म से महान बनती है। जन्म किसी धर्म या कुल में हो लेकिन पहचान कर्म से बनती है। इस लिए इंसान को प्रतिदिन की कार्यप्रणाली करते हुए पल-पल में क्षण-क्षण में सोचना चाहिए की मैं पाप कर रहा हूं या पुण्य ।
क्योंकि उसका भूगतान उसको ही करना पड़ेगा। इंसान चाहिए देश विदेश चला जाये कर्म तो उसके साथ ही रहेगे। भगवान महावीर , राम-कृष्ण, ईशा मोहम्मद साहिब, गुरू नानक सभी ने कर्मा को लेखा-जोख जन्म लेने के दिया। महावीर स्वामी को कानो में कीले गढवाने पड़े, पैरो में खीरट बनवानी पड़ी, राजपाट छोड़कर संयास लेना पड़ा तो ये सब जन्मो जन्म कर्मो के कारण हुआ। इस लिए इंसान को कर्म करते समय सोचना चाहिए। निराले बाबा ने कहा कि भगवान राम को भी पिछले जन्म के कर्मो से ही 14 वर्ष का वनवास जाना पड़ा था। इस अवसर पर दीपचंद सिंधी, नगराज सेठिया , सुनीता नाहटा, कैलाश सुरोलिया, कृष्ण पंवार, भंवर नाथ पंवार , हेमन्त सिंधी सहित बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित थे।