सुजानगढ में खुले में जीवन यापन करते हुए गाडिय़ा लुहार का परिवार

आजादी के 60 साल बाद भी घूमक्कड़ जाति लुहार के परिवार स्थाई आशियाना से महरूम है। एक तरफ सरकार गरीब व चयनित परिवार को मकान बनाकर दे रही है वही दुसरी ओर महाराणा प्रताप के वंश कहलाने वाले गाडिय़ा लुहार आज भी सर्दी-गर्मी में तीरपाल नीचे अपना बसेरा बनाकर जीवन यापन कर रहे है। सुजानगढ शहर के भीमसरिया स्कूल के पास वर्षो से खुले आसमान पर गोर्वधन लुहार के पुत्र कच्चे झोपड़े व तीरपालो के नीचे अपना जीवन बीता रहे है। मेहनत मजदूरी व लोहे का कार्य कर अपने परिवार की आजीविका चला रहे है।

प्रशासनिक उपेक्षा के चलते होने चयनित परिवार की सूची में यह परिवार शामिल है लेकिन राशन प्रणाली के अलावा अन्य सरकारी सुविधाओं से महरूम है। इस परिवार में सांवरमल , मदन, श्रवण, गोपाल, दुर्गा देवी, भंवरी है। सात सदस्यो के परिवार में मेहनत मजदूरी कर अपने बच्चो व परिवार का लालन पालन कर पा रहे है। यह परिवार लालन पालन के अलावा अपनी भूमि खरीदने में असक्षम है। दुर्गा देवी ने बताया कि काफी वर्षो पूर्व नगरपालिका ने इस परिवार को मांडेता पर भूमि आवंटन किया था लेकिन पुन: इस परिवार को बेदखल कर उक्त भूमि वंचित कर दिया। इसी प्रकार प्रगति नगर उद्योगिक क्षेत्र के पिछे लूणाराम का परिवार खुले आसमान के नीचे रह रहा है। इस परिवार में ताराचंद, कलू लुहार, मिश्राराम रहते है।

इस परिवार के छोटे-छोटे बच्चे तापमान अधिक व सर्दी में शून्य तापमान में जीवन बीता रहे है। ताराचंद ने बताया कि पिछले तीन चार माह पूर्व पंचायत समिति में एक शिविर आयोजित किया गया था जिसमें भूमि आवंटन व पक्के मकान बनाने की फरयाद की थी। लेकिन भरे गये फार्म आज तक पता नही चला ओर न ही किसी प्रकार की सहायत मिली। ताराचंद ने बताया कि निरन्तर जमाने में बदलाव हो रहे है उससे उनके काम काज में काफी फर्क पड़ा है। आज कल काम आधुनिक मशीनो से होने लगे है जो हम हाथ से करते थे। वह काम कम होता जा रहा है ओर हमारा धंधा चोपट हो रहा है। एक तरफ महंगाई की मार दिनो दिन बढ रही है कि दिनभर दो तीन सौ रूपये कमाते है जो बच्चो पर खर्च हो जाती है।

पक्के मकान बनाने व जमीन लेनी की बात हमारे लिए सपना बना हुआ है। रोज कमाते है ओर रोज खाते है। सर्दी, गर्मी ओर बरसात के मौसम में भी खुले आसमान के नीचे जीवन व्यतीत करने के लिए मजबूर है। एक तरफ सरकार गरीब व असहाय , बीपीएल परिवार को आशियाना बनाकर दे रही है। वही दुसरी ओर गाडिय़ा लुहार मकान के लिए मोहताज है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गरीब के प्रति हमदर्द व संवेदन शील है जो हमारी फरियाद सुनकर हमारा मकान का सपना पुरा करेगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here