स्थानीय पैट्रोल पम्प तिराहे के पास स्थित आरसीआई में जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय लाडनूं के पत्राचार पाठ्यक्रम के निदेशक डा. आनन्दप्रकाश त्रिपाठी ने उपस्थित जनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय की स्थापना का ध्येय आचार्य श्री तुलसी के स्वपन को साकार करना है। आचार्य तुलसी ने का स्वपन था कि डिग्री के साथ – साथ चरित्र निर्माण की शिक्षा हो। डा. त्रिपाठी ने ज्ञान का सार आचार को बताते हुए विश्वविद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। आरसीआई के निदेशक योगेन्द्र वर्मा ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर निदेशक के. सी. मीणा, घनश्यामनाथ कच्छावा भी उपस्थित थे। संचालन वीरेन्द्र भाटी मंगल ने किया।