कस्बे के उद्यमी एवं समाजसेवी जीवराज कोठारी का कोलकाता में निधन हो गया। साल में दो बार लगने वाले सालासर के लक्खी मेलों में छापर रोड़ स्थित कोठारी कुंज में विगत दस सालों से शिविर लगाकर नि:शुल्क एवं नि:स्वार्थ भाव से पदयात्रियों की सेवा करते आ रहे हैं। सामाजिक कार्यों में अग्रणी भुमिका निभाने वाले स्व. कोठारी अपने पीछे दो पुत्र रतन कोठारी एवं कनक कोठारी सहित पोते-पोतियों से भरा-पूरा परिवार छोड़ कर गये हैं।
तेरापंथ सभा भवन के अध्यक्ष पृथ्वीराज बाफना, विजयसिंह बोरड़, बाबूलाल फूलफगर, रतनलाल डोसी, विजयसिंह कोठारी, बाबूलाल दुगड़, तनसुख रामपुरिया, पांचीराम बैंगानी, संजय भुतोडिय़ा, मन्नालाल मालू, मोहनलाल सुराणा, हेमराज बैद, डा. सरोजकुमार छाबड़ा, पवन छाबड़ा, राजकुमार सुन्दरिया, मदन सोनी, शंकर स्वामी, संजय ओझा, बजरंग सैन ने 76 वर्षिय कोठारी के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए इसे सुजानगढ़ एवं समाज के लिए अपूर्णीय क्षति बताया।