
कस्बे के होली धोरा निवासी रजाक खां पुत्र नवाब खां ने एक शिकायती पत्र प्रेषित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक से लोकसेवक के विरूद्ध पद एवं अधिकार का दुरूपयोग करते हुए अवैद्य सरकारी धनराशि प्राप्त करने की शिकायत कर मामले की जांच करने की मांग की है।
पत्र में रजाक खां ने लिखा है कि बीड़ छापर में खसरा 54 एवं 111 संवत 2037 में राजस्व रिकार्ड में वन विभाग की भुमि थी। तहसील कार्यालय के पंजीयन बाबू गोविन्द चोटिया ने लोकसेवक होते हुए पद का दुरूपयोग करते हुए अपनी पत्नि जयादेवी एवं अन्य रिश्तेदारों के नाम नमक उत्पादन के लिए खसरा नं. 54 रकबा 106-18 बीघा भुमि का आवंटन करवा लिया। आवंटन के बाद उक्त भुखण्ड में एक बार भी नमक उत्पादन नहीं किया गया। पत्र में लिखा है कि राजस्थान भु – राजस्व के नियम-विनियम के अन्र्तगत जिला कलेक्टर चूरू द्वारा आवंटित खसरे को निरस्त नहीं किया गया है।
शिकायत पत्र में लिखा है कि सन 2008 में राज्य सरकार द्वारा ताल छापर में वन्य जीव अभ्यारण्य के विकास एवं विस्तार हेतू वन विभाग चूरू को भुमि की आवश्यकता होने पर उक्त खसरा संख्या 54 एवं 111 सहित अन्य खसरों को भी भूमि अवाप्ति अधिकारी सुजानगढ़ द्वारा दिनांक 24-11-2008 को सभी खातेदारान को बाजार दर से मुल्यांकन कर मुआवजा दिया गया। शिकायती पत्र में लिखा है कि कुल मुआवजा राशि एक करोड़ छियासठ लाख इक्यासी हजार दो सौ पचास रूपये में से नब्बे लाख छियासी हजार पांच सौ रूपये मुआवजे के रूप उल्लेखित लोकसेवक गोविन्द प्रसाद चोटिया ने धर्मपत्नि जयादेवी एवं अन्य रिश्तेदारों के नाम से प्राप्त कर लिये। इस प्रकार पंजीयन बाबू गोविन्द चोटिया ने नमक उत्पादन के बहाने अपनी पंहूच के बल पर अवैद्य आवंटन करवाकर उसी भुमि पर बाजार दर से मुआवजा प्राप्त कर लिया।