
स्थानीय माण्डेता स्थित काशीपुरीश्वर महादेव मन्दिर व स्वामी कानपुरी आश्रम के अधिष्ठाता कानपुरी महाराज ने पुष्पहार, शॉल व स्मृति चिन्ह स्वरूप साहित्य भेंटकर महामण्डलेश्वर बाल योगिनी प्रख्यात वक्ता साध्वी करूणागिरी का अभिनन्दन किया। इस अवसर पर उपस्थित जनों को सम्बोधित करते हुए बाल योगिनी साध्वी करूणागिरी ने कहा कि मर्यादा की स्थापना करने के लिए आश्रम स्थापित होते हैं।
संत, साधु, महात्मा और सन्यासी को आपस में बिना भेद के अलग शब्द बताते हुए इन चारों शब्दों की व्याख्या करते हुए साध्वी श्री ने कहा जिसने सत्य को लक्ष्य बनाया, वो संत है, जिसने अपने चंचल मन को साध लिया वह साधु है, जिसने अपनी महान आत्मा को पहचान लिया वह महात्मा है और जिसने अपनी इन्द्रियों से न्यास ले लिया हो वह सन्यासी है।
इस अवसर पर पूर्व विधायक रामेश्वर भाटी, शंकर सामरिया, गजानन्द जांगीड़, बजरंगलाल बोदलिया, पवन जोशी, विनोद भास्कर, किशन बिजारणियां, यशोदा जोशी ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए साध्वी का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन घनश्यामनाथ कच्छावा ने किया। कार्यक्रम के पश्चात साध्वी करूणागिरी ने श्रीकाशीपुरीश्वर महादेव मन्दिर में दर्शन कर शिवजी के जल चढ़ाया तथा पक्षियों के लिए परिण्डा लगाया।