
गत रात्रि को मस्जिद कुतबुल मदार के पास हाजी मो. आरीफ शहर काजी की सदारत एवं हाफिज मो. अकरम रजा की निजामत में रजा-ए-मुस्तफा कांफ्रेस का आयोजन किया गया। मरहूम काजी मुमताज एवं लियाकत अली की याद में हुए कार्यक्रम का आगाज तिलावते कुरआने करीम से हुआ। बासनी के कारी मो. मोहम्मद जावेद ने एक से बढकर एक शानदार प्रस्तुतियां देकर जलसे को परवान पर चढाया। सैयद मोहम्मद मियां ने जानो दिल कुरवान है वो आशिको की जान है। से प्रारम्भ करते हुए इश्के नबी विषय पर प्रभाव शाली तकरीर की। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।