अंचल के प्रख्यात नेत्र चिकित्सक डा. मोहन जैन का नई दिल्ली के अपोलो हॉस्पीटल में निधन हो गया है। डा. जैन के निधन के समाचार से कस्बे में शोक की लहर दौड़ गई। डा. जैन पीलिया के संक्रमण का ईलाज करवाने के लिए विगत 24 अप्रेल को ही दिल्ली के अपोलो हॉस्पीटल मे भर्ती हुए थे, जहां पीलिया के कारण क्षतिग्रस्त हुए 5 मई को उनके लीवर का भी सफल ऑपरेशन चिकित्सकों द्वारा किया गया। जिसके बाद स्वास्थ्य लाभ ले रहे डा. जैन ने सोमवार सुबह करीब चार बजे अंतिम सांस ली।
डा. जैन अपने पीछे पत्नी श्रीमती मंजू जैन, पुत्र सौरभ जैन तथा पुत्री श्वेता जैन को छोड़ कर गये हैं। बीकानेर के व्यसायिक घराने से ताल्लुक रखने वाले डा. मोहन जैन ने अपने परिवार के व्यवसाय से अलग जनसेवा की राह चुनते हुए चिकित्सा के क्षेत्र में कदम रखा। बीकानेर में प्रारम्भिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद डा. जैन ने मेडीकल की उच्च शिक्षा ग्रहण की। पढऩे में बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि डा. जैन सौम्य एवं सरल स्वभाव के व्यक्तित्व के धनी थे। मेडीकल डिग्री लेने के बाद सरकारी सेवा में डा. जैन की पहली पोस्टिंग लाडनूं हुई, उसके बाद छापर और उसके बाद सुजानगढ़ के राजकीय चिकित्सालय में अपनी सेवायें दी। उसके बाद राजकीय सेवा से त्याग पत्र देने के बाद डा. जैन ने सुजानगढ़ में ही जे.बी.एम. आई हॉस्पीटल खोला और उसमें हजारों लोगों के मोतियाबिन्द सहित आंख के अनेक रोगों के सफल ऑपरेशन एवं चिकित्सा की।
सुजलांचल में चिकित्सा के क्षेत्र में अभुतपूर्व सेवा देकर समाजसेवी के रूप में अपनी अलग पहचान स्थापित करने वाले डा. जैन ने राज्य सरकार की अंधता निवारण योजना की क्रियान्विति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। सुजला मेडीकल एसोशियसन के अध्यक्ष पद को सुशोभित करने के साथ – साथ आपका विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से गहरा जुड़ाव था। समाजसेवी, मृदुल भाषी, मिलनसार एवं विनम्र व्यक्तित्व के धनी डा. जैन दो बाद जिला स्तर पर सम्मानित होने के साथ अनेक संस्थाओं ने भी अभिनन्दन किया था। चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान पर जनपद के प्रमुख समाचार पत्र दैनिक आस-पास ने भी आपका सम्मान किया था। डा. जैन के निधन से अंचल के चिकित्सा क्षेत्र में आई रिक्तता को भरना मुश्किल है। डा. जैन के निधन पर कस्बे की विभिन्न संस्थाओं ने शोक व्यक्त किया है।
अंतिम संस्कार आज
दिल्ली के अपोलो हॉस्पीटल में निधन के बाद डा. मोहन जैन की पार्थिव देह को सोमवार देर शाम को सुजानगढ़ में उनके आवास पर लाया गया। उनके पारिवारिक सुत्रों के अनुसार डा. जैन का अंतिम संस्कार मंगलवार सुबह दस बजे किया जायेगा।
शोक सभा आज
डा. मोहन जैन के निधन पर यंग्स क्लब द्वारा आज मंगलवार शाम 8 बजे क्लब परिसर में शोक सभा का आयोजन किया गया है। जिसकी जानकारी क्लब के सांस्कृतिक सचिव गिरधर शर्मा ने दी।
Sujangarh ke liye ek Apurniya Kshati…….
Bhagwan unki atma ko shanti de………
Dr.Mohan jain ke bare mai sunkar bahut dukh huwa.Bhagwan unki atma ko shanti de.or unki parivar ko es dukh ki ghadi mai himmat de………om shanti
Dr mohan Jain ka samaachar sunkar bahut dukh huwa iswar inki aatma ko shanti de or Nike pariwar ko sabbar ………
it is very curfull moment for us. i used to gogles since childhood. and Dr. mohan jain was first person who suggested to wear me gogle…. it is very tearfull …. God bless his spirit…..
डा. मोहनजी जैन के असामयिक निधन से जो रिक्तता आई है उसकी पूर्ति संभव नहीं है , एक डॉक्टर होने के अलावा सामाजिक कार्यों में इनकी गहरी रूचि अन्य प्रोफेसनल्स के लिए सदैव प्रेरणादायी रहेगी , इनके साथ हुयी कुछ मीटिंग्स अभी भी याद है , इनका सरल स्वभाव और मिलनसारिता , विनम्रता पूर्वक बातचीत सब कुछ श्रेष्ठ गुणों का अद्भुत संयोग था. वृंदा फाउंडेशन- जसवंतगढ़ की भावभीनी श्रदांजली, ईश्वर इनके परिवार को इस असहनीय वेदना को सहन करने का सामर्थ्य प्रदान करे एवं डॉक्टर साहब की आत्मा को भगवत धाम में निवास मिले यही प्रार्थना है.
यह एक बहुत अच्छे चिकित्सक के साथ बहुत ही नेक दिल और मिलनसार वक्तित्व का निधन हुआ है l न केवल सुजानगढ़ अपितु सम्पूर्ण निकटवर्ती क्षेत्र को इस पद की कमी खलेगी l