स्थानीय प्रजापति भवन के पास गोकूल धाम में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में व्यास पीठ पर विराजित साध्वी करूणागिरी ने पांचवे दिन भागवत कथा में कहा कि मानव मात्र का कल्याण परमात्मा की शरण में आये बिना सम्भव नही है। प्रभू कथा, मर्यादा व शुद्ध आचरण जीना सिखाती है। विपरीत व संकट से भरी परिस्थितियों में धैर्य पूर्वक सामना करने से संकट दूर हो जाते है। इन्द्र के प्रकोप से बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने बृजवासियो को धैर्य व मिलजुलकर सामना करने की शिक्षा दी।
जिससे उन्होने गिरीराज की शरण लेकर साक्षात् देव दर्शन किये। कथा में गोर्वधन पुजा पर छपन भोग की आकर्षक मनमोहक झांकिया की प्रस्तुति काबिले तारिफ थी। इससे पूर्व में मुख्य यजमान घीसूलाल , गुरूदेव प्रसाद सोनी, विजय सिह शेरवानी, बुद्धिप्रकाश सोनी, डालमचंद, भैरूदान डूकवाल, राधेश्याम लाटा, घनश्याम लाहोटी, राजकुमार छाजेड़, गणेशमल सोनी ने व्यास पीठ की पुजा अर्चना की। इससे पूर्व में कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया । कृष्ण लीला पर शानदार झांकिया सजाई गई। श्रीमदभागवत कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु महिलाओ की भीड़ उमड़ पड़ी।