शीतला अष्ठमी पर कस्बे के नाथो तालाब स्थित शीतला माता मंदिर में गुरूवार को अल सुबह से ही माता के धोक लगाने के लिए श्रद्धालुओं का आना शुरू हुआ, जो दोपहर बाद तक अनवरत जारी था। मेले में उमड़े हजारों महिला एवं पुरूष श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में पूजा अर्चना कर बच्चों की सलामती व परिवार की खुशहाली की कामना की। मंदिर के पुजारी किशोर भार्गव ने बताया कि गुरूवार सुबह तीन बजे से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला प्रारम्भ हो गया था। युथ वेलफेयर सोसायटी के सदस्यों ने मेले की व्यवस्था सम्भालने के साथ-साथ श्रद्धालुओं को आराम से माता के दर्शन हो और धोक लगाने के लिए पुजारी परिवार के साथ मिलकर दिनभर सेवा की। मेले की कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए तैनात पुलिस के जवान व्यवस्था से दूर खड़े नजर आ रहे थे। जिसके कारण स्वयंसेवकों को व्यवस्था बनाये रखने की लिए मशक्कत करनी पड़ रही थी। मेले में महिलाओं की अधिकता को देखते हुए तैनात की गई महिला कांस्टेबल भी सुस्ताते नजर आ रही थी। महिला कांस्टेबलों के असहयोग के चलते महिलाओं की व्यवस्था संभालने में यहां श्रद्धालुओं को भारी दिक्कतें आईं।
शीतला माता मेले की व्यवस्था बनाने में पुजारी परिवार के दीपचंद भार्गव, करणीदान, मांगीलाल भार्गव, बंकटलाल भार्गव, मनेाज भार्गव, कालीचरण भार्गव, लीलाधर भार्गव, ईशर भार्गव व यूथ वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष सुभाष बगडिय़ा, संयोजक महावीर बगडिय़ा, कोषाध्यक्ष ताराचंद जालान, सीताराम बगडिय़ा, जितेंद्र मिरणका, बाबूलाल तोदी, पवन भरतीया, रामगोपाल बगडिय़ा, ओमप्रकाश मिश्र, प्रदीप मंगलूनिया, नोरतन भेभराजका, सत्यनारायण बेडिय़ा आदि ने अपना सहयोग दिया।