कस्बे के महेश माली हत्या काण्ड में महेश माली के ससुराल पक्ष ने गुरूवार को थाने में प्रदर्शन किया और सीआई जगदीश बोहरा का घेराव कर आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की। महेश के ससुर रमेश कुमार एवं चाचा ससुर राजेश कुमार सहित डीडवाना से आये महिला एवं पुरूषों ने पुलिस पर आरोपियों से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि जिस टैम्पों में शव लाया गया, वो मुकेश स्वामी के परिवार का टैम्पों था, वो उस समय वहां क्यों और कैसे पहुंचा वहां, आपने इस बारे में जांच क्यों नहीं की। उन्होने कहा कि जब हम आपको क्लू दे रहे हैं तो आप उस क्लू को ध्यान में रखकर जांच क्यों नहीं कर रहे? मृतक के ससुराल पक्ष ने पुछा कि सुनील टाक से पुलिस ने अब तक पुछताछ क्यों नहीं की? जबकि उसे थाने में पहले दिन से बैठा रखा है और उससे कोई पुछताछ नहीं हुई है। सवालों की बौछारों के बीच सीआई जगदीश बोहरा ने टैम्पों के बारे में जांच करने और मामले की निष्पक्ष जांच करने का आश्वासन दिया। महेश के चाचा ससुर राजेश ने बताया कि सुनील ने महेश के घर पर हमला कर उसके पिताजी को पीटा था तथा मृतक की पत्नि को फोन पर धमकी दी थी।
ससुराल पक्ष ने कहा कि मुख्य आरोपी मुकेश स्वामी और सुनील टाक इटली से एक साथ आये थे, इसलिए सुनील को प्रकरण के बारे में पुरी जानकारी है। मृतक के ससुराल पक्ष ने कहा कि राजनैतिक या आर्थिक दबाव में काम करने तथा जांच में प्रगति नहीं होने पर डीडवाना, नागौर, सीकर आदि स्थानों पर पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन होंगे और गिरफ्तारी नहीं होने पर जांच बदलवा लेंगे। इसके बाद पत्रकारों से मुखातिब होते हुए सीआई जगदीश बोहरा ने बताया कि महेश माली के ससुराल पक्ष के लोग आये थे, जो मामले में सुनील टाक की भुमिका जानना चाहते थे। उन्होने सुनील पर षडय़न्त्र रचने का आरोप लगाया है। जिसकी गहराई में जाने का प्रयास किया जायेगा तथा कॉल डिटेल के निष्कर्ष से षडय़न्त्रकारी निश्चित रूप से सामने आयेगा। बोहरा ने बताया कि मामले की जांच के दौरान मुख्य आरोपी मुकेश स्वामी, अतुल सोनी, सदीक खां कायमखानी और रवि पंवार संलिप्त है।
जिनमें से सदीक को पुलिस रिमाण्ड पर चल रहा है, जिसे 23 मार्च को न्यायालय में पेश कर और रिमाण्ड मांगा जायेगा तथा मुख्य आरोपी मुकेश स्वामी का श्यामसुन्दर पुत्र जगदीश प्रसाद स्वामी के नाम से पासपोर्ट जयपुर से बरामद किया है, जिस पर इटली स्थित इमिग्रेशन ऑफिस से मोहर लगी हुई, जिससे पता चलता है कि मुकेश इसी पासपोर्ट से इटली से आया था। पत्रकारों ने सीआई जगदीश बोहरा से पुछा कि मृतक के परिजनों वारदात के दिन 6 जनो के खिलाफ जान से मारने या मरवाने की आशंका से एफआईआर दर्ज करवाई गई थी, उन नामजद संदिग्धों में से एक फरार है, दो पुछताछ के लिए थाने में है तो बाकी तीन को पुलिस ने अक तक पुछताछ के लिए क्यों नहीं बुलाया?
जिसके जवाब में सीआई जगदीश बोहरा ने बताया कि बाकी के तीन आरोपियों को भी पुछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे आये नहीं। बोहरा ने बताया कि सुनील भार्गव, सुनील टाक सहित करीब पचास लोगों से इस मामले में पुछताछ की गई है। कस्बे में चर्चा का विषय बने एसएमएस के बारे में बताते हुए सीआई बोहरा ने बताया कि वारदात में शामिल आरोपियों में से एक ने अपने परिजन को एसएमएस किया कि मेरा महेश से झगड़ा हो गया है और मैं भाग रहा हूं। जिस सीम से यह एसएमएस किया गया, वह वारदात के पहले दिन खरीदी गई थी। मामले को लेकर कस्बे में तरह – तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है और हर चौराहे व नुक्कड़ पर नई बात सुनने को मिल रही है।
yaar tum log postin to dang se kro..sunil konsa jp music wala ya bholya..sab confuse hogya
Dono hi.