जिक्र उनका करो करीने से – वो चले आयेंगे मदीने से

शुक्रवार रात्री में मदरसा अनवारे मुस्तफा घोसियान में पीर जहूर अली की सरपरस्ती व ईदगाह ईमाम हाफिज जुबेर आलम सलामी की सदारत में आयोजित जश्ने मीलाद शरीफ व का आगाज नाजिमे जलसा कारी मोहम्मद बिलाल ने तिलावते कुरान से किया। मदरसे के तलिबे इल्म मो. शुऐब, मो. सुल्तान, आइशा, असमां, माहेतैबा, रूबीना, शमीम ने हम्दोसना, नाते पाक व तकरीरी प्रोग्राम की शानदार प्रस्तुतियां दी।

मौलाना अकरम रजा ने जिक्र उनका करो करीने से – वो चले आयेंगे मदीने से तथा हाफिज शाकिर रजा ने मैने कब कहा मुझे दुनियां का माल दो.. रचनाएं पेशकर महफिल को परवान चढ़ाया। फैजाने गौसे आजम कमेटी द्वारा 16 प्रतिभाओं व मदरसे के विद्यार्थियों को पुरूस्कार देकर सम्मानित किया गया। मौलाना गुलाम नबी ने रसूले पाक की सीरत बयान करते हुए कहा कि रसूले अरबी तमाम कायनात के लिए रहमत बनकर तशरीफ लाये। सदर जुबैर आलम ने दुरूद शरीफ की बरकत बयान की। पीरे तरकीत अशरफी ने कहा कि नबी -ए-पाक के आने से इंसानो को इन्सानियत का सबक मिला है।

इस अवसर पर मदरसा अध्यक्ष मंगतु अली घोसी, हाजी शम्सूद्दीन स्नेही, जवरूद्दीन घोसी, अलफूद्दीन, इस्माईल, मुबारक अली, फजलूदीन बडग़ुजर, मो. शरीफ राव सहित बड़ी संख्या में लोग जलसे में शरीक थे।

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