कर्मचारी संगठनों की हड़ताल से आम जनजीवन प्रभावित

कस्बे के कर्मचारी संगठनों ने अपने प्रान्तीय एवं राष्ट्रीय संगठनों के आह्वान पर मंगलवार को कार्य का बहिष्कार कर हड़ताल की और प्रदर्शन किया। कर्मचारी संगठनों की हड़ताल के कारण आम जन जीवन प्रभावित हुआ। स्टेट बैंक बीकानेर एण्ड जयपुर की स्थानीय शाखा के समक्ष अख्लि भारतीय बैंक हड़ताल के तहत कस्बे के बैंककर्मियों ने प्रदर्शन कर नारे बाजी की। हड़ताल के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए ऑल इण्डिया बैंक एम्पलॉइज एसोशियसन युनिट स्थानीय इकाई के अध्यक्ष सीताराम गहलोत ने कहा कि कथित बैंकिंग सुधारो, निजीकरण एवं विनिवेश पर तुरंत रोक लगाई जाये।

युनियन के सचिव अर्जुनलाल तुंगारिया ने बैंको के डूबत ऋृणो की वसूली हेतु कठोर एवं कारगर उपाय करने की मांग की। युनियन के गिरधर शर्मा, पुरूषोत्तम शर्मा, कमल दाधिच, हरदयाल सिंह, निरंजन स्वामी व हाजी मोहम्मद ने हड़ताल के समर्थन में अपने विचार व्यक्त किये। इस हड़ताल की वजह से बेंक का कार्य ठप रहा तथा समाशोधन गूह बंद रहने के कारण करोड़ो रूपयों का लेन देन नही हो सका। इसी प्रकार राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के नेतृत्व में शिक्षकों ने शिक्षण कार्य का बहिष्कार कर उपखण्ड अधिकारी चिमनलाल मीणा को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

शाखा मंत्री शंकरलाल मेघवाल, भंवरलाल पाण्डर, बनवारी कुल्हरी, शंकरलाल रेवाड़, गुलाबराम, जगदीशप्रसाद, नेमीचन्द बेनीवाल, जीवराज ईशरावा, सुगनलाल मीणा, सोहनसिंह, मालुसिंह, मांगीलाल ईशरावा, बंशी डूडी सहित अनेक शिक्षकों द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन में पेन्शन नियामक विधेयक 2011 को वापस लेने की मांग करते हुए लिखा कि इस विधेयक से भविष्य में कर्मचारियों के हितों का नुकसान होगा। ज्ञापन में पैराटीचर को नियमित करने और संविदा प्रथा को बंद करने की मांग की गई। इसी प्रकार रोड़वेज कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। रोड़वेजकर्मियों की हडुताल के कारण निजी बस संचालकों के चांदी हो गई।

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