स्थानीय अग्रसेन भवन में आयोजित ओमप्रकाश सराफ द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का शुभारम्भ आज मंगलवार को लक्ष्मीनाथ जी के मन्दिर से कलश यात्रा के साथ गाजे-बाजे के साथ हुआ। कलश यात्रा में सबसे आगे मुख्य यजमान ओमप्रकाश सराफ सपत्निक सिर पर भागवत जी को धारण किये हुए चल रहे थे। कलश यात्रा में अनेक महिलाएं हरिकीर्तन करते हुए चल रही थी।
मुख्य बाजार से होते हुए कलश यात्रा कथा स्थल अग्रसेन भवन पंहूची। जहां पर भागवत जी की आरती की गई। ओमप्रकाश सराफ, शिवकुमार सराफ, कैलाश सराफ, माणकचन्द सराफ, जितेन्द्र सराफ, मांगीलाल चौधरी, दुर्गादास स्वामी ने कथा वाचक भागवतमर्मज्ञ पं. दीनदयाल दाधीच का माला पहनाकर स्वागत किया। कथा के प्रथम दिन व्यासपीठ पर विराजमान भागवत मर्मज्ञ पं. दीनदयाल दाधीच ने भागवत जी का महात्म्य बताते हुए कहा कि भागवत श्रवण से समस्त पापों का नाश होता है। भागवत पुण्य फलदायी है।
भागवत सब ग्रंथों का सार है। इसके श्रवण से मोक्ष की प्राप्ति होती है। कथा के दौरान महेश सराफ, रमेश सराफ, सुरेश सराफ, दिनेश सराफ, राजाराम फतेहपुरिया, जितेन्द्र मिरणका, मुरारी फतेहपुरिया, हरिप्रसाद तोदी, निर्मल कन्दोई, परमानन्द मंगलुनिया, शंकरलाल अग्रवाल, अमृतलाल पौद्दार, महावीर प्रसाद मिरणका, सम्पतलाल लाडसरिया, श्यामसुन्दर रामगढिय़ा, प्रमोद मोर, श्यामसुन्दर मोदी, केशरीचन्द शर्मा, पं. लिखमीचन्द शर्मा आदि उपस्थित थे।