स्थानीय माण्डेता स्थित श्रीकाशीपुरीश्वर महादेव मन्दिर के तीन दिवसीय प्रथम वार्षिकोत्सव समारोह का शुभारम्भ स्वामी कानपुरी महाराज के सानिध्य में पं. मोहन चैतन्य शास्त्री के आचार्यत्व में महारूद्राभिषेक से हुआ। रूद्राभिषेक में शंकरलाल सामरिया, घनश्यामनाथ कच्छावा, कुंदन स्वामी, खेताराम जाट, बाबूलाल पारीक, पृथ्वीराज बोहरा आदि ने सपत्निक पूजा-अर्चना की।
रूद्राभिषेक के बाद आयोजित समारोह में नगरपालिका अध्यक्ष डा. विजयराज शर्मा, पूर्व प्रधान पूसाराम गोदारा ने 11 संस्थाओं द्वारा हस्ताक्षरित अभिनन्दन पत्र प्रदान कर रामकथा महाकाव्य के रचियता भक्त कवि भंवर जाजड़ा का अभिनन्दन किया। इस अवसर जाजड़ा ने कहा कि मेरा सम्मान श्रीराम क े प्रति आपकी अटूट आस्था का परिचायक है। उन्हेने कहा कि चित्रकुट की चैतन्य भुमि पर ईश्वर ने मेरे माध्यम से इस ग्रंथावतार के रूप में अपने को प्रकट किया है। अजमेर सन्यास आश्रम के वेदान्ताचार्य स्वामी शिव ज्योतिषानन्द ने कहा कि उत्साह ही उत्सव है।
उन्होने कहा कि पराविद्या और अपराविद्या से हम संचालित होते हैं। इन्होने जीवन को सार्थक उद्देश्य में लगाने का आह्वान किया। पलसाना के महन्त मनेाहरशरण शास्त्री ने कहा कि जो व्यक्ति अपनी मातृभुमि व मातृभाषा को सम्मान देता है, वह व्यक्ति महान होता है। शास्त्री ने कहा कि अकड़ तो मुर्दों की पहचान होती है, जिसमें जान होती है, वही झुकता है। पं. मोहन चैतन्य शास्त्री ने आयोजकीय पृष्ठभुमि पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में दादू द्वारा अजमेर के महन्त नारायणदास, करंट बालाजी धाम के महन्त बजरंगपुरी महाराज, पालिकाअध्यक्ष डा. विजयराज शर्मा, पूर्व प्रधान पूसाराम गोदारा ने भी अपने विचार व्यक्त कि ये। स्वामी कानपुरी महाराज ने अभिनन्दनपत्र का वाचन किया तथा घनश्यामनाथ कच्छावा ने संचालन किया।