
कस्बे में ईदमिलादुन्नबी के अवसर पर अनेक कार्यक्रम आयोजित किये गये। रविवार सुबह हजारों मुसलमानों ने नबी-ए-करीम की बिलादत के वक्त दुरूदो-सलाम का नजराना पेश किया। मस्जिद जन्नतुल फिरदौस में हजरत मुहम्मद के मु-ए-मुबारिक की जियारत करवाई गई। जुलूसे मुहम्मदी में करीब एक हजार मोटरसाईकिल सवार, मदरसों के हजारों बच्चों, अंजुमन फैजाने गरीब नवाज, अंजुमन गुलशने गरीब नवाज, अंजुमन फैजाने रजा, मुसिलम युवा जमाअत, फैजाने गोसो आजम कमेटी आदि संगठनों, उलेमाओं व अकीदतमंद मुसलमान भाईयों ने शिरकत की।
पीरे तरीकत सैयद जहूर अली व शहर काजी मो. आरीफ के नेतृत्व में यह जुलूस मोहल्ला तेलियान, ईदगाह मस्जिद, गांधी चौक, मौहल्ला छींपान एवं लीलगरान होता हुआ मदरसा फैजाने हस्नैन पंहूचकर जलसे में परिवर्तित हो गया। मदरसा जामिआ रिजवियिा, मदीना मदरसा, मदरसा अंजुमन के बच्चों व मोहल्ला स्टेशन के अकीदंतमंदों का जुलूस सम्राट होटल, स्टेशन, बस स्टैण्ड, घण्टाघर होते हुए गांधी चौक में मुख्य जुलूस में शामिल हो गया।
इसी प्रकार मदरसा अनवारे मुस्तफा घोसियान से बच्चों व अकीदतमंदों का जुलूस रवाना होकर नया बास होते हुए गांधी बालिका विद्यालय के पास मुख्य जुलूस में शामिल हो गया। मदरसा घोसियान से रवाना हुए जुलूस को सदर मंगतू अली घोसी, संचालक मौलाना बिलाल, मो. इस्माईल, जहरूद्दीन, अब्दूल सकूर, सतार, अनवर, महबूब अली, सलीम मोयल, करीम बक्स, मुश्ताक अली, मांगू घोसी, मो. अली, रफीक, जाकिर हुसैन, जमालद्दीन घोसी, मुबारक अली ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
गांधी चौक से मक्की मस्जिद तक जुलूस में झण्डों के साथ इंसानी सैलाब देखते ही बनता था। जुलूस में हाजी याकूब खीची, मो. इसाक, हाजी शम्सूद्दीन स्नेही, इदरीश गौरी, असलम मौलानी, अहमद हुसैन सहित करीब दस हजार लोग सम्मिलित हुए। कस्बे के विभिन्न मदरसों में तिलावते कुरान, हम्दो सना, नाते शरीफ व तकरीरी कार्यक्रम आयोजित हुए।