निकटवर्ती सालासर धाम की श्री बालाजी गौशाला में जुनापीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर अवधेशानन्द जी महाराज ने उपस्थित गौ भक्तों को गाय की महिमा बताते हुए कहा कि गाय विश्व की माता है। ईश्वर गौ लोक में ही वास करते हैं तथा गाय में 33 करोड़ देवी देवता वास करते हैं। महाराज ने कहा कि कुछ दिन अपने माथे पर एवं शरीर के अंगो पर गाय के पसीना लगाने से मन में उत्पन उन्माद को शांत स्वत: ही शांत हो जाता है तथा मनोरोग समाप्त होता है और गौ का श्वांस दिल व शरीर को छुने से हमारा तंत्रिका तंत्र व्यस्थित होता है।
उन्होने कहा कि गाय केवल दूध ही नहीं गौ मूत्र, घी, गोबर, दही सब धार्मिक कार्यों में काम आते हैं और जीवन में बहु उपयोगी व बहु गुणी है। महाराज ने कहा कि गौ मूत्र, गौ रस, गौ दूध, गोबर, घृत आदि से मिलकर बने पंचगव्य का प्रत्येक अमावस्या व पुर्णिमा और ये सम्भव नहीं हो तो प्रत्येक तीन महीने के अन्ताराल से सेवन करने पर भयानक से भयानक रोगों का नाश हो जाता है। महाराज ने कहा कि जिसे हम ऐसे ही फेंक कर बर्बाद कर रहे हैं उस गौ मूत्र व गोबर से औषधियां बनती है। महाराज ने कहा कि गाय बचेगी तब संस्कृति, राष्ट्र बचेगा।
स्वामी जी ने यज्ञ में गाय के घी को ही काम में लेने के लिए कहते हुए कहा कि आजकल हवन, यज्ञ में भैंस का घी काम में लिया जाने लगा है, जो कि वायुमण्डल में निशाचरी प्रवृति को बढ़ावा देता है। महाराज ने उपस्थितजनों से गौ पालन करने का निवेदन करते हुए कहा कि सभी प्रकार के प्राणियों व देवताओं में गाय ही एक मात्र प्राणी है, जिसकी पुंछ पकड़कर वैतरणी पार होती है। महाराज ने कहा कि गाय की सेवा करने से ईह लोक व परलोक दोनो में पुण्य मिलता है।
इससे पूर्व स्वामी जी गौशाला में गौमाता की पूजा-अर्चना की तथा गौ माता को चूनड़ी ओढ़ाई और गौ माता को गुड़ खिलाया। गौशाला परिसर में आयोजित संक्षिप्त कार्यक्रम में गौशाला संस्थापक जगदीश पुजारी, अध्यक्ष रविशंकर पुजारी ने अवधेशानन्द जी महाराज व विनोद अग्रवाल, देवराज अग्रवाल तथा संजय अग्रवाल का सपत्निक का गौमाता की प्रतिमा भेंटकर व शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया। इस अवसर पर विजय पुजारी, महावीर प्रसाद पुजारी, देवकीनन्दन पुजारी, पुवाल पुजारी, जितेन्द्र प्रसाद पुजारी, मनोहर पुजारी, यशोदानन्दन पुजारी, भीकमचन्द पुजारी, जीतमल शर्मा, वैद्य श्रीराम कौशिक, गणेश पुजारी, जयप्रकाश पुजारी, सुखदेव शर्मा, दीनदयाल गुलेरिया, गजानन्द शर्मा, बलबीर जाट, सांवरमल सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे।